
AK-47 सप्लायर का बिहार से ओडिशा तक जाल; माओवादियों से जुडे़ तार, NIA की रडार पर कई कुख्यात
संक्षेप: एनआईए की जांच में अहमद अंसारी के एके-47 की सप्लाई का जाल ओडिशा के माओवादियों तक से जुड़ने की बात सामने आई थी। जिसके बाद अब कई कुख्यात NIA की रडार पर हैं। बीते साल मुजफ्फरपुर के फकुली थाने के मनकौनी गांव से जब्त एके-47 की सप्लाई नगालैंड के दीमापुर के गैरेज संचालक अहमद अंसारी ने दी थी।
पिछले वर्ष मुजफ्फरपुर के फकुली थाने के मनकौनी गांव से जब्त एके-47 की सप्लाई नगालैंड के दीमापुर के गैरेज संचालक अहमद अंसारी ने दी थी। इस मामले में गिरफ्तार जैतपुर थाने के पोखरैरा का विकास कुमार और वैशाली के अंजानपीर गांव का सत्यम कुमार कैरियर का काम करता था। ये दोनों अहमद अंसारी से अत्याधुनिक हथियार खरीदकर जिले और उससे बाहर सप्लाई करते थे। पुलिस, एटीएस और एनआईए की जांच में अहमद अंसारी के एके-47 की सप्लाई का जाल ओडिशा के माओवादियों तक से जुड़ने की बात सामने आई थी।

अब एनआईए का मानना है कि विकास और सत्यम के माध्यम से अहमद अंसारी से देवमनी राय उर्फ अनीश ने सिर्फ एके-47 की खरीदारी ही नहीं की, वह इस सिंडिकेट में शामिल था। वह कई बार अपनी गाड़ी से दीमापुर हथियार लाने गया था। इस सिंडिकेट के माध्यम से कई कुख्यातों को एके-47 व अन्य अत्याधुनिक हथियार बेचे जाने की सूचना एनआईए को मिली थी। पिछले वर्ष दिसंबर में शहर के तीनकोठियां में बबलू खान के ठिकाने पर एनआईए ने छापेमारी की थी।
एके-47 जब्ती की जांच से जुड़े रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नौ शातिरों के अहमद अंसारी के सिंडिकेट से हथियार खरीदने की जानकारी मिली थी। विकास के बैंक खाता में 38 लाख रुपये की लेन देन का पता चला था। विकास ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि उसने अहमद अंसारी को एके- 47 राइफल के लिए 12 लाख रुपये दिये थे। अहमद अंसारी म्यांमार के रास्ते विदेशों से एके-47 राइफल मंगाता था। एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि अहमद अंसारी, विकास और देवमनी उर्फ अनीश हथियार सप्लाई को लेकर दीमापुर के रणजीत दास से जुड़े थे। एनआईए रणजीत के संबंध में जानकारी जुटा रही है।
देवमनी के घर पर छापेमारी के दौरान एनआईए ने 11 लाख 19 हजार 500 रुपये, मोबाइल व गाड़ी जब्त की थी। इसकी मुक्ति के लिए देवमनी की मां की ओर से पटना स्थित विशेष एनआईए कोर्ट में अर्जी दी थी। एनआईए ने इसका विरोध किया था। विशेष कोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर दी। विकास के पास से जब्त मोबाइल में एके-47 व विदेशी पिस्टल की तस्वीर मिली थी।
वहीं, देवमनी के मोबाइल में हथियार खरीद-बिक्री से जुड़े शातिरों के नंबर एनआईए को मिले। इसी आधार पर एनआईए इस सिडिंकेट से जुड़े होने की आशंका में छापेमारी कर रही है। उधर, जेल में बंद अहमद अंसारी, विकास कुमार, सत्यम कुमार व देवमनी उर्फ अनीश के विरुद्ध एनआईए विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। हालांकि, एनआईए ने जांच को जारी रखा है।





