
तेलंगाना की तर्ज पर कांग्रेस का बिहार में CWC दांव, राहुल की यात्रा के बाद पटना में क्यों महाजुटान
संक्षेप: महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे पर अभी तक औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। बावजूद इसके कांग्रेस ने संभावित उम्मीदवारों के नामों पर मंथन शुरू कर दिया है। गुरुवार को पटना में कांग्रेस प्रदेश इलेक्शन कमिटी की पहली बैठक बुलाई गई है।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की बिहार में वोटर अधिकार यात्रा से गदगद कांग्रेस अब पटना में अपनी वर्किंग कमेटी की बड़ी बैठक करने जा रही है। अगले हफ्ते बुधवार यानी 24 सितंबर को पटना में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक बुलाई गई है, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत पार्टी के कई बड़े नेता शामिल होंगे। इसे तेलंगाना की तर्ज पर CWC दांव कहा जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने वहां भी इसी तरह की बड़ी बैठक की थी। इससे पार्टी को वहां लाभ मिला था और लंबे समय बाद सत्ता में वापसी कर सकी।
बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस की यह बैठक खुद को केंद्र में रखने की एक बड़ी कोशिश है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कार्यमिति की इस विस्तारित बैठक में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की जाएगी। इसमें वोट चोरी और मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण यानी SIR समेत राज्य के अन्य मुद्दों पर फोकस होगा। राहुल गांधी की यात्रा भी SIR पर केंद्रित थी।
कांग्रेस की क्या रणनीति?
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को राज्य में अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा पार्टी की कोशिश है कि चुनावों से पहले की अहम राजनीतिक लड़ाई में जनता तक गंभीर संदेश पहुंचाया जाए कि पार्टी उनके हक और हुकूक के लिए खड़ी है और लड़ाई लड़ने को तैयार है। कांग्रेस की यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब राजद की तरफ से सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव राज्य भर में 10 दिनों की अधिकार यात्रा कर रहे हैं। इससे पहले वह राहुल के साथ भी वोटर अधिकार यात्रा में शामिल थे।
प्रदेश इलेक्शन कमिटी की पहली बैठक
दूसरी तरफ, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपने संभावित उम्मीदवारों के नामों पर मंथन शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में गुरुवार (18 सितंबर) को पटना में कांग्रेस की प्रदेश इलेक्शन कमिटी की पहली बैठक बुलाई गई है। यह बैठक पार्टी की आगामी रणनीति, संभावित उम्मीदवारों के चयन और स्क्रीनिंग प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है। बैठक में कमिटी के 39 सदस्य साथ ही सभी सांसद, विधायक, विधान पार्षद, कांग्रेस के बिहार सचिव, कार्यसमिति के सदस्य और पार्टी के फ्रंटल संगठनों के प्रमुख भी शामिल होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी बैठक में हिस्सा लेने के लिये पटना पहुंच चुके हैं।
संभावित उम्मीदवारों के नामों पर गहन चर्चा
इस संबंध में कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि बैठक गुरुवार को दोपहर एक बजे होगी। इसमें चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवारों के नामों पर गहन चर्चा की जायेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीट शेयरिंग से पहले नामों पर चर्चा कांग्रेस की पारंपरिक प्रक्रिया का हिस्सा है और इससे महागठबंधन के भीतर किसी तरह की असहमति का संकेत नहीं माना जा सकता है।
महागबंधन में अभी तक सीट बंटवारा नहीं
बता दें कि महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी पहले ही 15 सितंबर तक सीटों की घोषणा का दावा कर चुके थे, लेकिन वह समय भी बीत चुकी है और उनकी ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इस बीच कांग्रेस ने अपनी संभावित सीटों पर तैयारी को लेकर स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह अंतिम समय का इंतज़ार नहीं करेगी। माना जा रहा है कि 19 सितंबर को दिल्ली में होने वाली स्क्रीनिंग कमिटी की बैठक में कांग्रेस अपने पहले चरण के उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर लगा सकती है। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)





