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पीके फैक्टर ने किया मजबूर? इसलिए बिहार चुनाव में उतरी केजरीवाल की AAP, RJD से दोस्ती दरकिनार

पीके फैक्टर ने किया मजबूर? इसलिए बिहार चुनाव में उतरी केजरीवाल की AAP, RJD से दोस्ती दरकिनार

संक्षेप: यह स्पष्ट नहीं है कि AAP उन सीटों पर उतरेगी या नहीं, जहां कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। हालांकि, पार्टी का दावा है कि उसका उद्देश्य बिहार की जनता को दिल्ली और पंजाब जैसी ‘शिक्षा और स्वास्थ्य’ आधारित राजनीति का विकल्प देना है।

Wed, 8 Oct 2025 06:35 AMAmit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, पटना
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बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। 6 और 11 नवंबर को होने वाले इस चुनाव में एनडीए, महागठबंधन के अलावा एक नया दावेदार उभर रहा है- प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी। लेकिन इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) का अचानक मैदान में उतरना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी ने तो अपने 11 उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है। हालांकि राष्ट्रीय मुद्दों पर आम आदमी पार्टी (AAP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच तालमेल देखने को मिला है, लेकिन इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार मैदान में उतरने का फैसला किया है।

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यह निर्णय तब आया है जब विपक्षी महागठबंधन की कमान बिहार में RJD के हाथों में है और वह NDA को सत्ता से बेदखल करने की मुहिम चला रही है। राष्ट्रीय स्तर पर आप और आरजेडी एक सुर में बोलते रहे हैं। लेकिन आप ने बिना आरजेडी के साथ गठबंधन किए मैदान में उतरने का फैसला किया है। यहां तक कि संसद सत्रों के दौरान AAP सांसद संजय सिंह और RJD के राज्यसभा सांसद मनोज झा के बीच की निकटता भी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय रही है।

‘प्रशांत किशोर फैक्टर’ से जुड़ा एंट्री का फैसला

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि प्रशांत किशोर (PK) और उनकी पार्टी ‘जन सुराज’ का उभार आम आदमी पार्टी के बिहार चुनाव में उतरने का मुख्य कारण बना। बिहार AAP अध्यक्ष राकेश यादव ने भी स्वीकार किया कि जन सुराज ने उनके संगठन पर प्रभाव डाला था। उन्होंने कहा, “लगभग 50% AAP कार्यकर्ता जन सुराज से जुड़ गए थे क्योंकि हम चुनाव नहीं लड़ रहे थे। लेकिन अब जैसे ही हमने चुनाव लड़ने का ऐलान किया, उनमें से कई लोग वापस लौटने की तैयारी में हैं।” AAP के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) संदीप पाठक ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि पार्टी 6 और 11 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेगी, जिसके परिणाम 14 नवंबर को घोषित होंगे।

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‘जन सुराज’ से मुकाबले का मूड

राकेश यादव ने बताया कि टिकट के लिए अब तक लगभग 6,000 आवेदन मिले हैं और स्क्रीनिंग प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा, “दूसरी और तीसरी सूची जल्द जारी की जाएगी, जिनमें 30-40 उम्मीदवारों के नाम होंगे।” उन्होंने जन सुराज और AAP के राजनीतिक मॉडल में फर्क बताते हुए कहा, “प्रशांत किशोर दावा करते हैं कि वे बिहार को वैकल्पिक राजनीति का मॉडल देंगे, लेकिन वे भी दागी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने की सोच रहे हैं। AAP ने जो दिल्ली और पंजाब में शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में कर दिखाया है, वही हमारा असली मॉडल है।”

आंतरिक असंतोष और संगठन की मजबूती

AAP के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी के बिहार संगठन में लंबे समय से यह मांग उठ रही थी कि राज्य में चुनाव लड़ा जाए। उन्होंने कहा, “हमने गोवा, गुजरात और हरियाणा में चुनाव लड़ा है, तो बिहार को अपवाद क्यों रखा जाए?” पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) को बिहार इकाई ने यह समझाने में सफलता हासिल की कि स्थानीय स्तर पर संगठन तैयार है। दिल्ली की शीर्ष नेतृत्व ने बिहार इकाई को यह भी कहा है कि चुनाव संसाधन वे खुद जुटाएं, क्योंकि राष्ट्रीय नेतृत्व इस बार सीमित भूमिका निभाएगा।

RJD से संबंधों पर सवाल

जब पूछा गया कि क्या बिहार में चुनाव लड़ने से RJD के साथ संबंधों पर असर पड़ेगा, तो पार्टी नेताओं ने अलग-अलग राय दी। AAP के वरिष्ठ नेता संजीव झा ने कहा, “हम हिमाचल प्रदेश में चुनाव लड़े, वहां कांग्रेस जीती। लेकिन हमारा उद्देश्य हर राज्य में अपनी वैकल्पिक राजनीति का मॉडल पेश करना है। बिहार में भी जनता इसे देखेगी।” उन्होंने कहा कि भले ही RJD और AAP ने बिहार चुनाव को लेकर कोई औपचारिक परामर्श नहीं किया हो, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर INDIA गठबंधन की एकता पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि AAP उन सीटों पर उतरेगी या नहीं, जहां कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। हालांकि, पार्टी का दावा है कि उसका उद्देश्य बिहार की जनता को दिल्ली और पंजाब जैसी ‘शिक्षा और स्वास्थ्य’ आधारित राजनीति का विकल्प देना है।

Amit Kumar

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अमित कुमार एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में नौ वर्षों से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में वह लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के रूप में कार्यरत हैं। हिन्दुस्तान डिजिटल के साथ जुड़ने से पहले अमित ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया है। अमित ने अपने करियर की शुरुआत अमर उजाला (डिजिटल) से की। इसके अलावा उन्होंने वन इंडिया, इंडिया टीवी और जी न्यूज जैसे मीडिया हाउस में काम किया है, जहां उन्होंने न्यूज रिपोर्टिंग व कंटेंट क्रिएशन में अपनी स्किल्स को निखारा। अमित ने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा और गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार से मास कम्युनिकेशन में मास्टर (MA) किया है। अपने पूरे करियर के दौरान, अमित ने डिजिटल मीडिया में विभिन्न बीट्स पर काम किया है। अमित की एक्सपर्टीज पॉलिटिक्स, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म, इंटरनेट रिपोर्टिंग और मल्टीमीडिया स्टोरीटेलिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है। अमित नई मीडिया तकनीकों और पत्रकारिता पर उनके प्रभाव को लेकर काफी जुनूनी हैं। और पढ़ें
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