दलितों की 18 जातियों को नहीं मिला आरक्षण का लाभ, जीतन मांझी ने फिर दोहराई SC/ST रिजर्वेशन में बंटवारे की मांग
हम के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतन मांझी ने एक बार फिर एससी-एसटी आरक्षण में बंटवारे की मांग उठाई है। और कहा कि बिहार में दलितों की 18 जाति को आरक्षण का आज तक कोई लाभ नहीं मिला है। इसलिए हरियाणा की तरह बिहार में भी आरक्षण में भी बंटवारा लागू हो।
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक और केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से एससी-एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण की मांग दुहराई है। अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा की ओर से पटना के रवींद्र भवन में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि एससी-एसटी आरक्षण में जो जातियां आरक्षण के लाभ से वंचित रह गई हैं, उन्हें आरक्षण में उपवर्गीकरण कर लाभ दिया जाए।
जीतन मांझी ने आरोप लगाया कि संपन्न दलित झूठी बात करके आरक्षण खत्म करने का भ्रम फैला रहे हैं, उसका हम विरोध करते हैं। 21 अगस्त का भारत बंद अनुचित और नेतृत्वविहीन है। उन्होंने कहा कि बिहार में दलितों की 18 जाति को आरक्षण का आज तक कोई लाभ नहीं मिला है। इसलिए हम मांग करते हैं कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार आरक्षण में उपवर्गीकरण लागू करे। बिहार में भी हरियाणा की तरह आरक्षण में भी बंटवारा कर वंचित दलित को मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाए।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण में कोटे के अंदर कोटे के फैसले का जीतन मांझी ने समर्थन किया था। जबकि लोजपा (आर) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने फैसले पर असहमति जताते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही थी। वहीं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) चीफ मायावती ने 21 अगस्त को आयोजित भारत बंद का समर्थन किया है। साथ ही इसे सफल बनाने का संकल्प लिया है।
मायावती ने कहा कि भारत बंद एससी-एसटी आरक्षण के वर्गीकरण के खिलाफ़ और आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर बुलाया गया है। बीएसपी का मानना है कि यह लड़ाई संविधान की मूल भावना और दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। वहीं जीतन मांझी ने भारत बंद को नेतृत्वहीन और आधारहीन करार दिया है।
वहीं यूपीएससी के लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का जीतन मांझी ने स्वागत किया है। मांझी ने कहा कि कि कुछ लोगों को लग रहा था कि इस तरह की एंट्री से एससी को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा। लेकिन प्रधानमंत्री सबकी बात समझते हैं और उन्होंने इसे रद्द किया है। उन्होंने कहा कि पहले भी इस तरह की एंट्री होती थी और जवाहर लाल नेहरू के समय में भी कई नियुक्तियां हुईं थी पर उन्होंने आरक्षण का ख्याल नहीं रखा था।
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