
अपनों ने ठुकराया, तो विदेशियों ने अपनाया! रिकॉर्ड ग्लोबल सेल्स के बावजूद इस कार कंपनी का अपने देश में बुरा हाल
संक्षेप: जहां दुनिया भर में टोयोटा ने एक नया रिकॉर्ड बनाया, वहीं अपने घरेलू बाजार जापान में उसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा। टोयोटा की रिकॉर्ड ग्लोबल सेल्स हो रही है, लेकिन जापान में इसको बड़ा झटका लगा है। आइए इसे जरा विस्तार से समझते हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी टोयोटा (Toyota) इस साल लगातार शानदार बिक्री के आंकड़े दर्ज कर रही थी। लेकिन, अगस्त 2025 में तस्वीर कुछ बदली। जहां दुनिया भर में टोयोटा ने एक नया रिकॉर्ड बनाया, वहीं अपने घरेलू बाजार जापान में उसे बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा। टोयोटा और इसकी ग्रुप कंपनियों Daihatsu और Hino ने अगस्त में दुनियाभर में 9,00,598 गाड़ियां बेचीं, जो पिछले साल की तुलना में करीब 1% ज्यादा है। आइए इसकी बिक्री डिटेल्स जानते हैं।
4% बढ़ी ग्लोबल सेल
कंपनी की ग्लोबल सेल्स 4% बढ़ी और नया रिकॉर्ड बना दिया। कंपनी का ग्लोबल प्रोडक्शन 8,37,869 यूनिट रहा यानी लगभग 4% की वृद्धि हुई।
जापान में 10% से ज्यादा की गिरावट
जहां दुनिया टोयोटा की गाड़ियां हाथों-हाथ खरीद रही है, वहीं जापान में सेल्स 10% से ज्यादा गिर गईं। खास बात यह है कि अगस्त में जापान में केवल 18 इलेक्ट्रिक टोयोटा गाड़ियां ही बिक पाईं। ये आंकड़े बताते हैं कि घरेलू मार्केट में लोग अभी भी EVs (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) अपनाने से हिचक रहे हैं।
अमेरिका बना सहारा
अमेरिका में टोयोटा और लेक्सस (Lexus) मॉडल्स की सेल्स अगस्त में 14% बढ़ीं। हाइब्रिड कारों की जबरदस्त डिमांड देखी गई। कंपनी की इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी रफ्तार पकड़ रही हैं, लेकिन ग्लोबली 35% की बढ़ोतरी (17,000 से ज्यादा EVs बिकीं) हुई है।
चीन में स्थिर प्रदर्शन
चीन में ज्यादातर विदेशी ब्रांड्स संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन टोयोटा की हाइब्रिड कारें कंपनी को मजबूत बनाए हुए हैं।
मुनाफे पर असर डाल रहे हैं टैरिफ
टोयोटा की परेशानी सिर्फ घरेलू गिरावट तक सीमित नहीं है। अमेरिका ने आयातित कारों और पार्ट्स पर 15% टैरिफ लगाया है। इसका सीधा असर कंपनी की कमाई पर पड़ा है। पहले अनुमान 3.8 ट्रिलियन ¥ (¥ -जापानी करंसी) ऑपरेटिंग इनकम की थी, लेकिन नया अनुमान ¥3.2 ट्रिलियन का है, यानी कंपनी को करीब ¥1.4 ट्रिलियन (लगभग $9.5 बिलियन) का नुकसान हो सकता है।
आगे की चुनौती
टोयोटा की दिक्कत साफ है कि बाहर के बाजार (US, चीन) अभी कंपनी को संभाले हुए हैं, लेकिन जापान का EV के प्रति ठंडा रुख कंपनी की सबसे बड़ी चिंता बन रहा है अगर टोयोटा को अपनी पकड़ बनाए रखनी है, तो उसे जापान में भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर लोगों की सोच बदलनी होगी, वरना ग्लोबल बढ़त के बावजूद घरेलू बाज़ार में पिछड़ने का खतरा है।

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Sarveshwar Pathakलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




