मानसून: जब सड़क पर भरे पानी में चलानी पड़े गाड़ी या पानी में फंस जाए कार, तो करें ये उपाय
कई लोगों को बारिश का मौसम पसंद होता है, तो वहीं फसल के लिए किसानों को बारिश की जरूरत होती है। कुल मिलाकर देखा जाएं, तो एक बड़ी आबादी मानसून या बारिश के मौसम का इंतजार करती है। लेकिन सुहाने मौसम और...
कई लोगों को बारिश का मौसम पसंद होता है, तो वहीं फसल के लिए किसानों को बारिश की जरूरत होती है। कुल मिलाकर देखा जाएं, तो एक बड़ी आबादी मानसून या बारिश के मौसम का इंतजार करती है। लेकिन सुहाने मौसम और ठंडी फुहारों के अलावा बारिश का एक रूप और भी है, जो लोगो के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। जब इस मौसम में ड्राइव करना पड़े, तो लोगों को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस मौसम में धीमी गति से रेंगता ट्रैफिक, लंबे जाम, सड़कों पर भरा पानी उनकी परेशानियां बढ़ा देता है। ऐसे में जानें कि अगर आप किसी जलभराव वाली सड़क पर फंस गए हैं, तो ड्राइव करते वक्त किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है।
ईंजन का सामान्य से ज्यादा एक्सेलेरेट करें
पहले कोशिश करें कि ऐसी किसी भी सड़क पर गाड़ी को न लेकर जाएं, जहां पानी भरा हुो। लेकिन यदि अगर पानी से होकर गाड़ी निकालने की जरूरत भी पड़े, तो ध्यान दें कि पानी से कार निकालते समय आप कार को पहले गेयर में रखें और साथ ही सामन्य से थोड़ा ज्यादा ही एक्सेलेरेट करें यानी क्लच पर पैर रखकर ही गाड़ी को थोड़ा ज्यादा स्पीड दें। इससे आपकी गाड़ी पानी में बंद नहीं होगी और साथ ही ऐसा करने से पानी आपकी गाड़ी के एग्जॉस्ट के अंदर दाखिल होकर गाड़ी के ईंजन को नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।
गाड़ी धीरे चलाएं
बारिश के मौसम में कोशिश करे कि गाड़ी को धीरे ही चलाएं क्योंकि इस सीजन में अक्सर विजिबिलिटी अक्सर कम हो जाती है, जिसका मतलब है आप थोड़ी भी दूर का साफ नहीं देख पाते हैं। इसके अलावा टायरों का घर्षण भी हो जाता है। पानी भरी सड़क पर गाड़ी चलाते समय यह भी ध्यान दें कि आप ब्रेक ओर थ्रॉटल का भी आराम से इस्तेमाल करें। इस स्थिति में अचानक से ब्रेक मारने और गाड़ी को स्पी़ड देने से घर्षण कम होने के कारण गाड़ी का नियंत्रण बिगड़ सकता है। गीली सड़कों पर ब्रेकिंग डिस्टेंस (गाड़ी को ब्रेक मारने पर गाड़ी जितनी जगह में रुकती है) भी बढ़ जाता है। खासकर के कॉन्क्रीट या सीमेंटेड सड़कों पर ब्रैकिंग डिस्टेंस और भी ज्यादा होता है। तो बारिश के मौसम में इस तरह की सड़कों पर गाड़ी चलाते समय खास ख्याल रखें।
सेंटर लेन में ही गाड़ी चलाएं
अगर किसी सड़क पर पानी भरा है और उस सड़क के अलावा आपके पास कोई और विरल्प नहीं है, तो ऐसी स्थिति में कोशिश करें कि आप सड़क की सेंटर लेन यानी बीच के लेन में ही गाड़ी चलाएं। क्योंकि सड़कें इस तरह बनाई जाती हैं कि उन पर जलभराव न हों और इसके लिए सड़कों को भारत में लेफ्ट साइड पर थोड़ी झुकी होती हैं ताकि पानी आसानी से सड़क से हट जाएं। इसका मतलब है कि सड़क पर सबसे कम पानी सेंटर लेन में ही होता है।
एक्सेलेरेटर पैडल को लगातार दबाए रखें
जलभराव वाली जगहों से कार को निकालते समय एक्सेलेरेटर पैडल को थोड़ा दबाकर ही रखें। साथ की रफ्तार एक समान रखना भी जरूरी है। इसके अलावा अगर गेयर बदलने की भी जरूरत पड़ती है, तो ध्यान दें कि थ्रॉटल को थोड़ा दबाकर ही रखें और गेयर बदलें। साथ ही अगर आप पहले या दूसरे गेयर पर गाड़ी चलाएंगे, तो आपको ज्यादा एक्सेलेरेटर पैडल दबाने पर भी समान स्पीड रखने में आसानी होगी। ऐसा करने से पानी एग्जॉस्ट से होकर आपकी गाड़ी के ईंजन तक नहीं पहुंच पाएगा।
अगर पानी कार के दरवाजों तक आ जाएं तो गाड़ी से निकल जाना ही ठीक
यदि पानी आपकी गाड़ी के दरवाजों के लेवल तक पहुंच गया है, तो बेहतर होगा कि आप गाड़ी को कोई सुरक्षित स्थान देखकर पार्क कर दें। पानी का लेवल इससे ज्यादा बढ़ने पर पानी गाड़ी में दाखिल हो सकता है, जिससे गाड़ी की इलेक्ट्रॉनिक वायरिंग में शॉट सर्किट हो सकता है। कई मामलो में देखा गया है कि शॉट सर्किट की स्थिति में गाड़ी की सेंटर लॉकिंग और खिड़कियों के कांच काम करना बंद कर देते हैं। ऐसे में गाड़ी लॉक भी हो सकती है, तो बेहतर होगा कि गाड़ी को पार्क करके उससे निकल जाएं।
पानी में चलते समय गाड़ी बंद हुई तो न करें स्टार्ट
अगर पानी में होकर गाड़ी निकालते समय गाड़ी बंद हो जाए, तो गाड़ी को दोबारा स्टार्ट करने की कोशिश न करें। ईंजन में पानी जाने से गाड़ी का ईंजन सीज भी हो सकता है। साथ ही अगर पानी में फंसी गाड़ी को बार-बार स्टार्ट करने की कोशिश की जाए, तो एग्जॉस्ट से होकर और ज्यादा पानी ईंजन तक पहुंच सकता है और ईंजन को अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा पानी में फंसी गाड़ी का बोनट खोलने की गलती भी न करें। ऐसा करके आप पानी को गाड़ी में जाने का रास्ता दे देंगे। ऐसी स्थिति में गाड़ी को किसी अन्य गाड़ी से खींचकर बाहर निकालना ही बेहतर होगा।
हेडरेस्ट से कांच भी तोड़ा जा सकता है
अगर किसी शॉट सर्किट या अन्य वजह से गाड़ी के दरवाजे और खिड़कियां न खुल रही हो, तो ऐसे में सबसे पहले सीट के ऊपर लगे हेडरेस्ट को निकालें और खिड़की का शीशा तोड़ने की कोशिश करें। आपकों बता दें कि हेडरेस्ट का एक सिरा काफी नुकीला बानाया जाता है, ताकि किसी इमरजेंसी की स्थिति में उससे शीशे तोड़े जा सकें।