इस लग्जरी कार में आई बड़ी खराबी, कंपनी ने 3 लाख से ज्यादा यूनिट को तुरंत वापस बुलाया
निसान मोटर (Nissan Motor) के ग्राहकों के लिए यूएस से बुरी खबर आई है। कंपनी ने यहां पर अपनी 3 लाख से ज्यादा SUV को रिकॉल किया है। इन गाड़ियों में हुड यानी बोनट के अचानक खुलने की प्रॉब्लम आ रही है।
निसान मोटर (Nissan Motor) के ग्राहकों के लिए यूएस से बुरी खबर आई है। कंपनी ने यहां पर अपनी 3 लाख से ज्यादा SUV को रिकॉल किया है। इन गाड़ियों में हुड यानी बोनट के अचानक खुलने की प्रॉब्लम आ रही है। हुड खुलने के बाद ड्राइवर के सामने आ जाता है, जिससे उसे दिखना बंद हो जाता है। इस वजह से एक्सीडेंट होने का खतरा बढ़ जाता है। इस जापानी ऑटोमेकर की नॉर्थ अमेरिका डिविजन ने कहा कि उसने 2013 और 2016 के बीच तैयार की गईं 322,671 पाथफाइंडर (Pathfinder) कार को वापस बुलाया है।
अमेरिकी रेगुलेटरी बॉडी में एक फाइलिंग में निसान ने कहा कि सेकेंडरी हुड लैच पर गंदगी और धूल जमा होने से हुड बंद होने पर भी खुला रह सकता है। संभावित रूप से ये बिना किसी चेतावनी के खुल जाता है। कंपनी ने कहा कि इस प्रॉब्लम को खत्म करने के लिए उपाय तैयार कर रहा है। कंपनी आज (बुधवार) से अंतरिम अधिसूचनाएं भेजेगी।
रिकॉल क्या है? इसे क्यों किया जाता है?
जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। इन मामलों में कंपनी ग्राहकों से किसी तरह का पेमेंट नहीं लेती है।
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रिकॉल पर ऑटो एक्सपर्ट की सलाह
ऑटो एक्सपर्ट के मुताबिक, यदि कंपनी रिकॉल का फैसला करती है तो उसका फायदा ग्राहकों को ही होता है। कंपनी को अपनी कार में खराबी की जानकारी पहले उससे जुड़ी ऑर्गनाइजेशन देना होती है। जिसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। जिसके बाद संबंधित ऑर्गनाइजेशन उसे अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है तब वो दूसरे शहर के निकटतम सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।
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दुनियाभर में कार रिकॉल के 5 बड़े मामले
कार रिकॉल के सबसे ज्यादा मामले फोर्ड से जुड़े हैं। टॉप-5 कार रिकॉल में भी सबसे ज्यादा फोर्ड शामिल हैं। 1980 में फोर्ड ने 2.1 करोड़ गाड़ियों को रिकॉल किया था, तब उसकी गाड़ियों के रिवर्स गियर में खराबी आ रही थी। 1999 में फोर्ड ने क्रूज कंट्रोल स्विच में खराबी की वजह से 1.5 करोड़ गाड़ियों को रिकॉल किया। 2009 में टोयोटा ने एक्सीलेटर पैडल में खराबी के चलते 90 लाख गाड़ियों को वापस बुलाया। 2016 में वॉक्सवैगन ने कार का सॉफ्टवेयर डाउन होने के चलते 85 लाख कार रिकॉल कीं। वहीं, 1996 में इग्निशन स्विच में खराबी के चलते फोर्ड ने 79 लाख गाड़ियां वापस बुलाईं।