70 के दशक की एम्बेसडर याद है, तो आ गई उससे जुड़ी अच्छी खबर; कंपनी ने दिया ये बयान
साल 2014 में देश के अंदर एक शाही कार एम्बेसडर बंद हो गई थी। जी हां, ये वही कार थी जिसमें PM-CM से लेकर कई अफसर चला करते थे। हालांकि, लग्जरी SUV की दौड़ में ये पिछड़ गई।

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साल 2014 में देश के अंदर एक शाही कार एम्बेसडर बंद हो गई थी। जी हां, ये वही कार थी जिसमें PM-CM से लेकर कई अफसर चला करते थे। हालांकि, लग्जरी SUV की दौड़ में ये पिछड़ गई। जिसके बाद कंपनी ने इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया। हालांकि, इसके इलेक्ट्रिक अवतार के लॉन्च होने की चर्चा तेजी से हो रही है। इसे लेकर अब नई अपडेट सामने आई है। TNN की रिपोर्ट के मुकाबिक, मंगलवार को एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में हिंदुस्तान मोटर्स ने पुष्टि की है कि उसने विदेशी बाजारों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री के लिए एक करार किया है। वो ईको-फ्रेंडली ईवी का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए बाद में असेंबलिंग पर भी विचार करेंगे। हिंदुस्तान मोटर्स अपने उत्तरपाड़ा प्लांट में इनका प्रोडक्शन बनाने की योजना बना रही है।
प्रोजेक्ट में 600 करोड़ रुपए का निवेश
इस साल की शुरुआत में PTI ने बताया था कि एम्बेस्डर कार बनाने वाली हिन्दुस्तान मोटर्स कम्पनी ने मार्केट में फिर से लौटने का फैसला किया है। यह इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ एम्बेस्डर इलेक्ट्रिक कार लाने वाली है। फ्रेंच कंपनी के साथ जॉइंट वेंचर में एम्बेस्डर भारत में इलेक्ट्रिक कार लांच करेगी। हाल ही में द हिंद फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को फ्रेंच की ऑटो मैन्युफैक्चरर प्यूजो के साथ मिलकर काम करते हुए देखा गया है। इलेक्ट्रिक दोपहिया परियोजना के लिए संयुक्त निवेश लगभग 600 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है। बाद में पार्टनरशिप फोर-व्हीलर प्रोजेक्ट में प्रवेश की संभावनाओं पर भी गौर करेगी। अधिकारी ने PTI की रिपोर्ट में यह भी कहा कि पायलट रन शुरू करने में 6 महीने लगेंगे।
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70 के दशक में 70% मार्केट शेयर था
भारतीय बाजार में 70 के दशक में राज करने वाली एम्बेस्डर का भारतीय ऑटो मार्केट में 70% से ज्यादा कब्जा था। एम्बेस्डर कार की पॉपुलेरेटी और ड्यूरेबिलिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस समय प्रधानमंत्री से लेकर बड़े-बड़े राजनेता और उद्योगपतियों के पास यह कार थी। हालांकि, इतने सालों तक मार्केट में राज करने के बावजूद इस कार को 2014 में डिस्कन्टिन्यू कर दिया गया था। इसके पीछे की वजह हिंदुस्तान मोटर्स का लगातार घाटे में रहना था। इसलिए कम्पनी ने प्यूजो (Peugeot) नाम की कम्पनी को एम्बेस्डर का नाम और उसके राइट्स (Ambassador Name And Rights) 80 करोड़ रूपए में बेच दिए थे।
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नए अवतार में कैसी होगी एम्बेस्डर
हिंदुस्तान मोटर्स के चेन्नई प्लांट में मिटसुबिशी (Mitsubishi Cars) का प्रोडक्शन होता था। वहीं कंपनी के पश्चिम बंगाल के उत्तरपारा में अम्बेस्डर कारों की मैन्युफैक्चरिंग होती थी। 2014 में आखिरी बार एम्बेस्डर कार की मैन्युफैक्चरिंग उत्तरपारा में हुई थी उसके बाद बिक्री घटने से कंपनी लगातार घाटे में जा रही थी। कर्ज में डूबने के बाद कम्पनी को इन कारों का प्रोडक्शन बंद करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह एक इलेक्ट्रिक सेडान कार होगी, जिसका इंटीरियर और एक्सटीरियर पूरी तरह अलग होगा। कंपनी अपनी पुरानी गलतियों से सीखकर इसका डिजाइन काफी फ्यूचरिस्टिक बना सकती है।