स्क्रैपिंग पॉलिसी: पुरानी कार को करें कबाड़, नई खरीदने पर मिलेगी 5% की छूट
अगर आपकी कार पुरानी हो गई है और नई कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। स्क्रैपिंग पॉलिसी (Vehicle Scrapping Policy) के तहत अगर आप पुराने वाहन को स्क्रैप (कबाड़) कराने के बाद...
अगर आपकी कार पुरानी हो गई है और नई कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। स्क्रैपिंग पॉलिसी (Vehicle Scrapping Policy) के तहत अगर आप पुराने वाहन को स्क्रैप (कबाड़) कराने के बाद कोई नया वाहन खरीदते हैं तो आपको 5% की छूट दी जाएगी। इस बात का ऐलान खुद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union minister Nitin Gadkari) ने किया है।
गडकरी ने न्यूज एजंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, 'पुराने वाहनों को कबाड़ करने के एवज में वाहन कंपनियां ग्राहकों को नए वाहन की खरीद पर करीब पांच प्रतिशत की छूट देंगी।' बता दें कि स्क्रैपिंग पॉलिसी (वाहनों को स्वेच्छा से कबाड़ करने की नीति) की घोषणा 2021-22 के केंद्रीय बजट में की गई है। इस पॉलिसी में 4 फेज होंगे जिसमें से एक फेज में छूट वाली बात कही गई है।
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पुराने वाहनों का फिटनेस टेस्ट
बता दें कि पॉलिसी के तहत पुराने वाहनों को फिटनेस टेस्ट से भी गुजरना होगा। इसके अनुसार पर्सनल व्हीकल्स को 20 साल के बाद और कमर्शियल व्हीकल्स को 15 साल के बाद फिटनेस टेस्ट कराना होगा। गडकरी ने कहा, 'इस पॉलिसी के चार प्रमुख फेज हैं। छूट के अलावा, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स और अन्य शुल्क के प्रावधान हैं। उन्हें अनिवार्य फिटनेस और प्रदूषण टेस्ट से गुजरना होगा। इसके लिये देश में ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर की जरूरत होगी और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।'
फिटनेस टेस्ट का कितना खर्च
रिपोर्ट्स के अनुसार, फिटनेस टेस्ट के लिए तकरीबन 40,000 रुपये तक का खर्च आएगा, जो कि रोड टैक्स और ग्रीन टैक्स के अलावा होगा। यह फिटनेस सर्टिफिकेट केवल 5 वर्षों के लिए मान्य होगा। आपका पुराना वाहन फिटनेस टेस्ट में पास हो जाता है, उसके बाद ही इसे सड़क पर चलने की अनुमति होगी। अगर वाहन टेल्ट में फेल हो जाता है, तो उसे रजिस्टर नहीं किया जाएगा और इसे स्क्रैप (कबाड़) में भेजने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं होगा।