Hindi Newsऑटो न्यूज़How To Work Car Airbag and How Does This Save Life

आपकी जान बचाने वाला एयरबैग इस तरह बन जाएगा जान का दुश्मन, कार में इस गलती से तो हमेशा बचें

किसी कार में एयरबैग का होना बहुत जरूरी है। पैसेंजर की सेफ्टी में सबसे अहम होल एयरबैग का ही होता है। हालांकि, आपको शायद ये पता नहीं होगा कि ये एयरबैग कई मौके पर आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है।

Narendra Jijhontiya लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 4 May 2023 06:57 PM
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किसी कार में एयरबैग का होना बहुत जरूरी है। पैसेंजर की सेफ्टी में सबसे अहम होल एयरबैग का ही होता है। हालांकि, आपको शायद ये पता नहीं होगा कि ये एयरबैग कई मौके पर आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। दरअसल, एयरबैग अपना काम सही से करे इसके लिए आपको अपना काम भी सही करना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं हुआ तब यही एयरबैग आपकी जान का दुश्मन भी बन सकता है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें एयरबैग ने लोगों को डैमेज कर दिया। 

ऐसे काम करता है एयरबैग
कार के एयरबैग के साथ कुछ सेंसर को फिट किया जाता है। यानी जब कार में टक्कर लगती है तब सेंसर एक्टिव होकर एयरबैग को ओपन करने का इशारा करता है। ये काम माइक्रो सेकेंड में होता है। जैसे ही सेंसर से एयरबैग को कमांड मिलती है स्टेयरिंग के नीचे मौजूद इन्फ्लेटर एक्टिव हो जाता है। ये सोडियम एजाइड के साथ मिलकर नाइट्रोजन गैस बना देता है, जो एयरबैग में भर जाती है और वो फूल जाता है। इस फूले हुए बैग से पैसेंजर टकराता है और बच जाता है। इस प्रोसेस में 50 मिली सेकेंड का वक्त लगता है।

एयरबैग तोड़ सकता है हड्डी
कार में फ्रंट पैसेंजर वाली सीट पर भी सेफ्टी के लिए एयरबैग दिया है, इससे आपको सावधान रहना चाहिए। कुछ लोग बगल वाली सीट पर बैठकर रिलेक्स होने के लिए अपने पैर को डैशबोर्ड पर रख लेते हैं। वहीं, जब भी कार गड्ढे में जाती है तब पैर जम्प करते हुए बोर्ड पर टकराता है। ऐसे में सेंसर के एक्टिव होने का चांस बढ़ जाते हैं। एयरबैग जब ओपन होता है तब उसकी स्पीड 300 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। यानी इतनी स्पीड से अगर ये आपके पैरों में टकराया तो सकता है कि पैर की हड्डी टूट भी सकती है। या फिर आपकी जान पर ही बन आए।

एयरबैग का सही रहना जरूरी
एयरबैग में जिस मटेरियल का यूज होता है वो एक टाइम के बाद खराब होने लगता है। वैसे, एयरबैग की फिटिंग और फंग्शन में जिन पार्ट्स का यूज किया जाता है वे खराब नहीं होते। एयरबैग में डाइग्नोस्टिक सिस्टम होता है। इसे SRS (Supplemental Restraint System) भी कहते हैं। इसी की मदद से एयरबैग के सही होने का पता चलता है। हम जब कार स्टार्ट करते हैं, तो मीटर में लगे SRS इंडिकेटर्स कुछ सेकेंड के लिए ऑन होते हैं, अगर ये ऑन होने के बाद ऑफ नहीं होते तो एयरबैग में कोई प्रॉब्लम हो सकती है।

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