सड़क दुर्घटना में पिछले साल 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत, ये एक वजह बनी सबसे बड़ा कारण; पढ़ें रिपोर्ट
टू-व्हीलर्स एक्सीडेंट में पिछले साल यानी 2022 में 50 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा ये रिपोर्ट जारी की गई है।

टू-व्हीलर्स एक्सीडेंट में पिछले साल यानी 2022 में 50 हजार से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में 2022 में सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हेलमेट नहीं पहनने के कारण बाइक दुर्घटनाओं में 50,000 से अधिक लोगों की जान चली गई है। 'भारत में सड़क दुर्घटनाएं 2022' शीर्षक वाली रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। एक्सीडेंट और मौतों में टू-व्हीलर्स का योगदान सबसे अधिक रहा। वहीं, कार, जीप और टैक्सियों सहित हल्के वाहन दूसरे स्थान पर रहे।
ग्रामीण क्षेत्रों में एक्सीडेंट से 68% मौत
रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 71.3% मौतें वाहन चालकों की थी। जिसमें 28.7% पैसेंजर्स थे। इस स्टडी के अनुसार सड़क हादसों में मृत्यु दर में 9.4% की वृद्धि और दुर्घटनाओं में साल-दर-साल 11.9% की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा, पिछले वर्ष की तुलना में 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की संख्या में 15.3% की वृद्धि हुई है। ज्यादातर एक्सीडेंट ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं हैं। सड़क दुर्घटना में 68% मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुई हैं। जबकि 32% मौतें शहरी क्षेत्रों में हुईं।
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तमिलनाडु एक्सीडेंट में सबसे आगे
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2022 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं तमिलनाडु में दर्ज की गईं। इसके बाद मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा। जबकि उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक लोगों की मौत हुई। ये परिणाम हेलमेट सुरक्षा को बढ़ावा देने और सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को दर्शाते हैं।
हेलमेट नहीं पहनने पर सख्ती हो
टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजीव कपूर ने इन चिंताजनक आंकड़ों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य सरकारों से हेलमेट उपयोग को लाजिमी तौर पर पहनने संबंधित कानूनों को लागू करके तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया। साथ ही, इस बात पर जोर दिया कि वाहन चालकों और सवारों की जिंदगी बचाने के लिए कड़े उपायों को लागू करने का यह सही समय है।
नॉन ISI हेलमेट सेल्स रोकी जाए
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा कानून तैयार करने के बावजूद इस को लागू करने के मामले में भारी कमी बनी हुई है। हेलमेट का उपयोग अनिवार्य करना राज्यों के दायरे में है, लेकिन दुर्भाग्य से कई लोगों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। जिसके कारण अनगिनत मौतों को रोका जा सकता है। चिंता की बात ये है कि लगभग हर सड़क के कोने पर संदिग्ध और नॉन ISI हेलमेट विक्रेता हैं। वे नकली ISI हेलमेट बनाते और बेचते हैं। इन हेलमेट से राइडर्स की सेफ्टी को खतरा हो जाता है।
