पैसेंजर व्हीकल, ट्रैक्टर और ट्रक को अलग-अलग यूनिट में डिवाइड करेगी महिंद्रा; जानिए कंपनी ने क्या कहा?
संक्षेप: ये शुरुआती डिस्कशन हैं और इस तरह के कदम की व्यवहार्यता और इसके परिणामों का आकलन करने के लिए प्रारंभिक समीक्षा शुरू हो गई है। वर्तमान में ये व्यवसाय समूह की प्रमुख कंपनी, महिंद्रा एंड महिंद्रा के अंतर्गत प्रभागों के रूप में कार्य करते हैं।

देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में शुमार महिंद्रा एंड महिंद्रा एक महत्वपूर्ण पुनर्गठन की संभावना तलाश रही है। कथित तौर पर कंपनी अपने मुख्य ट्रैक्टर, पैसेंजर व्हीकल और ट्रक बिजनेस को अलग-अलग फेसिलिटी में शिफ्ट कर सकती है। इस कदम का उद्देश्य व्यावसायिक संभावनाओं को उजागर करना, मापनीयता को बढ़ाना और अधिक केंद्रित रणनीतियों को संभव बनाना है। इससे ऑटोमोटिव सेक्टर के स्थिर विकास को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
ये शुरुआती इंटरनल डिस्कशन हैं और इस तरह के कदम की व्यवहार्यता और इसके परिणामों का आकलन करने के लिए प्रारंभिक समीक्षा शुरू हो गई है। वर्तमान में ये व्यवसाय समूह की प्रमुख कंपनी, महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के अंतर्गत प्रभागों के रूप में कार्य करते हैं। पिछले 5 सालो में ऑटोमोटिव और कृषि उपकरण क्षेत्र (FES) दोनों प्रभागों ने मजबूत वृद्धि दर्ज की है।
इसने SUV और ट्रैक्टरों में महिंद्रा के नेतृत्व को और मजबूत किया है। रणनीतिक ध्यान अब ऑटोमोटिव व्यवसाय की ओर बढ़ रहा है - कृषि से जुड़ी अस्थिरता से दूर एक जानबूझकर लिया गया कदम है। कृषि उपकरण मानसून, ग्रामीण माहौल और सरकारी सब्सिडी नीतियों पर निर्भर रहते हैं, जबकि ऑटो व्यवसाय एक व्यापक और अधिक स्थिर विकास प्रदान करता है।
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, महिंद्रा ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। ग्रुप के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने कहा कि हमारा ध्यान भविष्य के लिए तैयार रहने और सभी व्यवसायों को स्वतंत्र बनाने पर है। उन्होंने कहा, "इससे व्यावसायिक क्षमता को उजागर करने और विस्तार में मदद मिलती है।" महिंद्रा एंड महिंद्रा पिछले साल द इकोनॉमिक टाइम्स अवॉर्ड्स फॉर कॉर्पोरेट एक्सीलेंस में कंपनी ऑफ द ईयर चुनी गई थी।
महिंद्रा के विभिन्न विभागों के प्रदर्शन में अंतर ने इस तरह के कदम के पक्ष को मजबूत किया है। एनालिस्ट का अनुमान है कि अकेले ऑटोमोटिव सेगमेंट ही महिंद्रा के मौजूदा शेयर मूल्य जो 3,400 रुपए से अधिक है, उसका लगभग दो-तिहाई हिस्सा है। उन्होंने कहा कि विभाजन से पूंजी आवंटन में तेजी आ सकती है। इससे उसके स्वतंत्र रणनीतियां बनाने में मदद मिल सकती है और बाजार में व्यवसायों की संभावित रूप से पुनर्मूल्यांकन हो सकता है।
पैसेंजर व्हीकल शाखा में स्कॉर्पियो, थार, XUV रेंज और बॉर्न इलेक्ट्रिक प्लेटफॉर्म जैसे सफल ब्रांड शामिल हैं। एक और स्वतंत्र यूनिट बन सकती है, जबकि ट्रक और कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट, जो अभी भी अपेक्षाकृत छोटा है उसको एक केंद्रित वर्टिकल के रूप में विकसित किए जाने की उम्मीद है। ऐसी भी चर्चा है कि SML इसुज़ु, जिसे महिंद्रा ने हाल ही में अधिग्रहित किया है, इस बिजनेस का केंद्र बन सकती है।
महिंद्रा ने रिपोर्ट का खंडन किया
इस बीच महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि कंपनी अपने ऑटोमोटिव और ट्रैक्टर डिवीजनों के विभाजन की संभावना तलाश रही है। स्टॉक एक्सचेंजों को दिए एक बयान में कंपनी ने कहा, "ऑटो और ट्रैक्टर व्यवसायों के विभाजन की कोई योजना नहीं है और वह इन व्यवसायों को M&M यूनिट के अंदर रखकर तालमेल से कहीं अधिक लाभ देख रही है।" कंपनी का ये बयान द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें दावा किया गया था कि महिंद्रा समूह आंतरिक रूप से अपने ट्रैक्टरों, यात्री वाहनों (इलेक्ट्रिक वाहनों सहित) और ट्रक व्यवसायों को अलग-अलग स्वतंत्र संस्थाओं में विभाजित कर सकता है।

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Narendra Jijhontiyaलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




