महिंद्रा ने चीनी ऑटोमोबाइल ग्रूप के साथ साझेदारी से किया इंकार, जानिए कंपनी ने क्या कहा
मौजूदा समय में भारत सौर पैनल और बैटरी निर्माण जैसे गैर-संवेदनशील क्षेत्रों में चीनी निवेश पर प्रतिबंधों को कम करने पर विचार कर रहा है।
देसी कार निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने शुक्रवार को उस रिपोर्ट का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि भारतीय वाहन निर्माता और चीन के शांक्सी ऑटोमोबाइल समूह ने भारत में कार निर्माण संयंत्र बनाने के लिए 3 बिलियन डॉलर का संयुक्त व्यापार स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की है और नई दिल्ली की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। ईटी में छपी एक खबर के अनुसार वाहन निर्माता ने रॉयटर्स की रिपोर्ट को 'निराधार' बताया और कहा कि 'इस मामले में कोई सच्चाई नहीं है'। एमएंडएम ने शुक्रवार को एक्सचेंजों को सूचित किया, "चूंकि रॉयटर्स के लेख द्वारा कुछ अनावश्यक अटकलें लगाई गई हैं, इसलिए कंपनी अपने आप स्टॉक एक्सचेंजों को यह स्पष्ट करना आवश्यक समझती है कि लेख निराधार है और मामले में कोई सच्चाई नहीं है।" बता दें कि हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स पर महिंद्रा के शेयर 2.5 पर्सेंट बढ़कर 2,748.45 रुपये पर बंद हुए।
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क्या था इस रिपोर्ट में
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रस्तावित विनिर्माण उद्यम में बहुलांश हिस्सेदारी महिंद्रा के पास होगी और कंपनी ने चीनी निवेश के लिए मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से हरी झंडी मांगी है। इसके अलावा, रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्ताव में असेंबल की गई कारों जिन्हें पूरी तरह से निर्मित इकाइयों के रूप में जाना जाता है के साथ-साथ इंजन और कार बैटरी के लिए निर्यात-उन्मुख एकीकृत विनिर्माण केंद्र का निर्माण शामिल है। बता दें कि साल 2020 से भारतीय कंपनियों को दोनों पड़ोसियों के बीच भू-राजनीतिक तनाव के बाद चीनी निवेश के लिए सरकारी मंजूरी की आवश्यकता है।
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कुछ ऐसा रहा है भारत का रूख
बता दें कि मौजूदा समय में भारत सौर पैनल और बैटरी निर्माण जैसे गैर-संवेदनशील क्षेत्रों में चीनी निवेश पर प्रतिबंधों को कम करने पर विचार कर रहा है। ऐतिहासिक रूप से भारत में चीनी निवेश को कड़ी जांच के कारण महत्वपूर्ण देरी या रद्दीकरण का सामना करना पड़ा है। इसमें BYD Co Ltd, Great Wall Motor और SAIC की MG Motor जैसी कंपनियों के प्रस्ताव शामिल हैं। पिछले साल BYD का 1 बिलियन डॉलर का एक विशेष प्रस्ताव सुरक्षा चिंताओं के कारण रोक दिया गया था। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में इस संभावित बदलाव के लिए समर्थन व्यक्त किया।
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