
वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन मां गंगा स्वर्गलोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं, इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी, गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान करने से सभी दुखों से

जिस दिन मां गंगा का प्राकट्य हुआ उस दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी थी। इस दिन गंगा सप्तमी का त्योहार मनाया जाता है। गंगा सप्तमी पर गंगा स्नान, व्रत-पूजा और दान का विशेष महत्व है।

वैशाख गणेश चतुर्थी व्रत को जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए बहुत फलदायी माना गया है। इस व्रत के प्रभाव से परिवार में सुख-शांति, धन-समृद्धि आती है। चिंता एवं रोग का निवारण होता है।

अक्षय तृतीया अपने नाम के अनुरूप शुभ फल प्रदान करती है। यह दिन सभी के जीवन में सौभाग्य और सफलता लाता है। अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। मान्यता है कि इस दिन जो भी काम किया जाता है उसमे

ईद-उल फितर का त्योहार खुशियां लेकर आता है। रमजान के महीने की आखिरी दिन जब चांद का दीदार होता है तो उसके अगले दिन ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार भाईचारे, सौहार्द्र, मोहब्बत और खुशियों

वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पावन पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए पंचांग देखने को जरूरत नहीं होती है। वास्तु शास्त्र में अक्षय त

वैशाख माह में कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी नाम से जाना जाता है। एकादशी स्वयं विष्णुप्रिया हैं। सभी एकादशियों की तरह यह एकादशी भी भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है।

सूर्यदेव, मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मेष संक्रांति कहा जाता है। मेष संक्रांति पर सूर्यदेव की उपासना, स्नान-दान का विशेष महत्व है। मेष संक्रांति के अवसर पर सत्तू का दान विशे

भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक बैसाखी का त्योहार उल्लास और उत्साह का प्रतीक माना जाता है। बैसाखी शब्द की उत्पति वैशाख से हुई। संपूर्ण भारत में यह दिन त्योहारों का दिन होता है।

रमजान को अल्लाह की रहमतों का महीना कहा जाता है। पूरे साल हर मुसलमान इस पाक महीने का इंतजार करता है। रमजान के तीसरे अशरे में मुसलमान एतकाफ में बैठते हैं। एतकाफ को अल्लाह की खास इबादत माना गया है। माह र

गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु के बलिदान को याद किया जाता है और ईस्टर संडे प्रभु यीशु के पुनः जीवित होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। कहा जाता है कि सूली पर लटकाए जाने के तीन दिन बाद प्रभु यीशु पुन:

भगवान हनुमान सबसे व्यापक रूप से पूजे जाने वाले देवताओं में से एक हैं। भगवान हनुमान अमर हैं और पृथ्वी पर मौजूद हैं। भगवान ब्रह्माजी ने उन्हें लंबे जीवन का वरदान दिया। अपने शरीर को इच्छा अनुसार बदलने की

श्री हनुमंत शक्ति और ऊर्जा के प्रतीक हैं। चैत्र माह की पूर्णिमा पर भगवान श्रीराम की सेवा के उद्देश्य से भगवान शंकर के 11वें रुद्र ने हनुमान जी के रूप में जन्म लिया, इसलिए हनुमान जन्मोत्सव का त्योहार म

चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती मनाई जाती है। इस दिन 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मोत्सव मनाया जाता है। भगवान महावीर 599 ईसा पूर्व बिहार के कुंडलपुर के राजघराने में जन्म

दस रोजों के साथ मुकद्दस रमजान पहला अशरा पूरा हो गया। दूसरा अशरा शुरू हो गया है। दूसरे अशरे को मगफिरत का अशरा कहा जाता है। इस अशरे में रोजेदार रोजे रखकर अल्लाह से मगफिरत की दुआ मांगते हैं।

सोमवार को प्रदोष तिथि आने पर इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना के लिए रखा जाता है।

नवरात्रि में अंतिम दिन नवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री समस्त सिद्धियां प्रदान करने वाली हैं। भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही सिद्धियों को प्राप्त किया। मां की कृपा से ही भगव

नवरात्र में अष्टमी के दिन मां महागौरी की उपासना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि में अगर नौ दिन तक व्रत न कर पाएं तो अष्टमी और नवमी के दिन व्रत रखकर देवी मां का उपासना करने से पूरे नौ दिन की पूजा का

नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है। मां की उपासना से सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों का विनाश होता है। माता के भक्तों को किसी प्रकार से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।

मुकद्दस रमजान का महीना शुरू हो गया है। यह महीना बहुत मुबारक है। रमजान के महीने में 30 दिनों तक रोजे रखे जाते हैं। अल्लाह ने इस महीने के रोजों को फर्ज फरमाया। माह रमजान को तीन अशरों में बांटा गया है।