Why Kheer is Special on Sharad Purnima Know Maa Lakshmi Puja & Night Significance शरद पूर्णिमा की खीर क्यों है खास? जानें मां लक्ष्मी पूजा और रात्रि का महत्व, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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शरद पूर्णिमा की खीर क्यों है खास? जानें मां लक्ष्मी पूजा और रात्रि का महत्व

इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृत के समान होती हैं। यही कारण है कि इसे धार्मिक, आध्यात्मिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। खासकर बंगाली समाज में इस दिन लखी पूजा का आयोजन भक्तिभाव के साथ किया जाता है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 5 Oct 2025 10:34 AM
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शरद पूर्णिमा की खीर क्यों है खास? जानें मां लक्ष्मी पूजा और रात्रि का महत्व

इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृत के समान होती हैं। यही कारण है कि इसे धार्मिक, आध्यात्मिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। खासकर बंगाली समाज में इस दिन लखी पूजा का आयोजन भक्तिभाव के साथ किया जाता है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। ‘कोजागरी’ का अर्थ है ‘कौन जाग रहा है’। मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं और देखती हैं कि कौन जागरण कर पूजा कर रहा है। जो भक्त जागरण कर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उनके घर में देवी प्रवेश करती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के समय देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति शरद पूर्णिमा की तिथि पर हुई थी। इसलिए इसे देवी लक्ष्मी के प्राकट्य उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

शरद पूर्णिमा की रात खीर बनाना और उसे खुले आकाश में चंद्रमा की रोशनी में रखना एक प्राचीन परंपरा है। ऐसा करने से खीर में औषधीय गुण भर जाते हैं और इसे खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है। माना जाता है कि खीर का सेवन अगले दिन सुबह स्नान आदि के बाद करने से स्वास्थ्य, शक्ति और ऊर्जा बढ़ती है। खासकर सांस की बीमारियों और अन्य रोगों में इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है।

इस साल शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को दोपहर 12.23 बजे प्रवेश करेगी और 7 अक्टूबर की सुबह 09.16 बजे तक रहेगी। इसी दिन देर शाम मां लक्ष्मी की पूजा होगी। बंगाली समाज में यह पूजा बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ घर-घर होती है। पूजा में धान की बाली, ईख, ताड़ के फल से निकला खूजा, नारियल और अन्य प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया जाता है। कुछ अन्य समाज भी लखी पूजा करते हैं, लेकिन बंगाली समाज में इसे विशेष महत्व दिया जाता है।

धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से शरद पूर्णिमा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी मानी जाती है। इस रात चंद्रमा की किरणें अमृत समान होती हैं और खीर जैसी चीजों में यह औषधीय गुण भर देती हैं। लोग इसे खाने से स्वास्थ्य में सुधार, मानसिक शांति और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्ति की कामना करते हैं।

इस प्रकार शरद पूर्णिमा की रात केवल धार्मिक या आध्यात्मिक महत्व की नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और परिवारिक खुशहाली के लिए भी बेहद खास है। इस रात जागरण करना, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करना और चंद्रमा की रोशनी में खीर रखना एक ऐसा सरल उपाय है जिससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

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