Hindi Newsधर्म न्यूज़What is the first condition for walking on the spiritual path? Read Sadhguru's thoughts
आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की पहली शर्त क्या है? पढ़ें सद्गुरु के अनमोल विचार

आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की पहली शर्त क्या है? पढ़ें सद्गुरु के अनमोल विचार

संक्षेप: आपको कुछ भी नहीं करना है, समय ही सब कर लेगा। समय आपको किसी और तरह से परिपक्व कर देगा। आपको स्वयं को ऐसे बनाना है कि आप कोई कल्पना न करें, अच्छी या बुरी।

Tue, 7 Oct 2025 07:42 AMSaumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान
share Share
Follow Us on

आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की पहली शर्त है कि आप अपने मन में किसी भी प्रकार की इच्छा नहीं रखें और विशेष इच्छा तो बिल्कुल नहीं। आध्यात्मिक मार्ग पर यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप किसी विशेष जगह पहुंचने का प्रयत्न न करें, क्योंकि जैसे ही आप कुछ विशेष पाना चाहेंगे, आपका मन ‘वह विशेष स्थान’ बनाने लगेगा। आप अपना खुद का निजी स्वर्ग ही बना लेंगे।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

आध्यात्मिक प्रक्रिया का अर्थ यह नहीं है कि आप वहम, मतिभ्रम के एक स्तर से निकल कर दूसरे स्तर पर पहुंच जाएं। यह इसलिए है कि आप अपने सारे वहम, सारे मतिभ्रम बिल्कुल ही छोड़ दें, पूर्ण रूप से त्याग दें। वास्तविकता को उसी रूप में स्वीकार करें, जैसी वह है, क्योंकि ये सारे प्रयत्न सत्य के बारे में हैं।

सत्य का अर्थ है, जो अस्तित्व में है, न कि वह जो आप अपने मन में बना लेते हैं। हम अपने मन में भगवान या शैतान देख सकते हैं- दोनों का ही महत्व नहीं है। आप जो कुछ देखते हैं, वह आपकी संस्कृति पर निर्भर करता है, और उन चीजों पर भी जिनका अनुभव आपको हुआ है। जब आप लोगों को देखते हैं, तो उनमें भगवान को देखते हैं या शैतान को- यह इस पर निर्भर करता है कि आप आशावादी हैं या निराशावादी। इसका संबंध वास्तविकता से नहीं होता। वास्तविकता तो यह है कि अभी आप यहां हैं और आपको यह भी नहीं पता कि आप किस कारण से यहां हैं, कहां से आए हैं और कहां जाएंगे? यही जीवन की वास्तविकता है।

ये भी पढ़ें:ऋषि वाल्मीकि ने दी थी भगवान राम को चित्रकूट में रहने की सलाह, पढ़ें रोचक किस्से

वास्तविकता के साथ जीना सीखना सबसे महत्वपूर्ण बात है। आपको कुछ और नहीं करना है। अगर आप अपने मन में चीजों को तोड़ना-मरोड़ना, बिगाड़ना बंद कर दें और हरेक चीज को वैसे ही देखें, जैसी वह है, तो मुक्ति आपसे बस एक कदम ही दूर है। आपको कुछ भी नहीं करना है, समय ही सब कर लेगा। समय आपको और तरह से परिपक्व कर देगा।

आपको स्वयं को ऐसे बनाना है कि आप कोई कल्पना न करें, अच्छी या बुरी। आप कोई भगवान या शैतान न बनाएं, स्वर्ग और नर्क, अच्छा और खराब न बनाएं। ऐसा कुछ भी न हो कि, ‘मैं इस व्यक्ति को पसंद करता हूं, उसे नहीं करता।’ आप हर चीज को उसी तरह से देखना सीख लें, जैसी वह है, बस यही सब कुछ है। किसी खास समय पर, कुछ विशेष गतिविधि के लिए, हमें चीजों को एक विशेष रूप में देखना पड़ सकता है। बाकी समय आप उन्हें बस वैसी ही देखिए, जैसी वे हैं।

आपको कुछ भी नहीं करना है, समय ही सब कर लेगा। समय आपको किसी और तरह से परिपक्व कर देगा। आपको स्वयं को ऐसे बनाना है कि आप कोई कल्पना न करें, अच्छी या बुरी।

Saumya Tiwari

लेखक के बारे में

Saumya Tiwari
सौम्या तिवारी लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी कंटेंट प्रोड्यूसर हैं। यहां वह ज्योतिष और धर्म-अध्यात्म से जुड़ी खबरें देखती हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर की रहने वालीं सौम्या ने जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन से जर्नलिज्म में पीजी किया है। अपने करियर की शुरुआत हैदराबाद स्थित एक लोकल न्यूज पोर्टल से की और उसके बाद जनसत्ता, क्विंट हिंदी और जी न्यूज होते हुए पिछले चार सालों से लाइव हिन्दुस्तान में हैं। सौम्या पत्रकारिता जगत में पिछले सात सालों से कार्यरत हैं। नई जगहों पर घूमना, भजन सुनना और नए लोगों से जुड़ना बहुत पसंद है। बाकी वक्त बेटी के साथ सपने देखने में बीतता है। और पढ़ें
जानें धर्म न्यूज़ ,Choti Diwali Wishes , Rashifal, Panchang , Numerology से जुडी खबरें हिंदी में हिंदुस्तान पर| हिंदू कैलेंडर से जानें शुभ तिथियां और बनाएं हर दिन को खास!