विश्वकर्मा पूजा कब है? जानें पूजन-विधि और शुभ मुहूर्त
- हर साल कन्या संक्रांति के दिन शिल्प के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 16 सितंबर को कन्या संक्रांति है। विश्वकर्मा जयंती 16 सितंबर को ही मनाई जाएगी।
हर साल कन्या संक्रांति के दिन शिल्प के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 16 सितंबर को कन्या संक्रांति है। विश्वकर्मा जयंती 16 सितंबर को ही मनाई जाएगी। मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा पहले वास्तुकार और इंजीनियर हैं। इन्होंने ही स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, द्वारिका नगरी, यमपुरी, कुबेरपुरी आदि का निर्माण किया था। इस दिन विशेष तौर पर औजार, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कारखानों, मोटर गैराज, वर्कशॉप, लेथ यूनिट, कुटीर एवं लघु इकाईयों आदि में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं, विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त और पूजन विधि-
विश्वकर्मा पूजा का मुहूर्त- विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रान्ति का क्षण - 07:53 पी एम
ब्रह्म मुहूर्त 04:33 ए एम से 05:20 ए एम प्रातः सन्ध्या 04:57 ए एम से 06:07 ए एम
अभिजित मुहूर्त 11:51 ए एम से 12:40 पी एम विजय मुहूर्त 02:19 पी एम से 03:08 पी एम
गोधूलि मुहूर्त 06:25 पी एम से 06:48 पी एम सायाह्न सन्ध्या 06:25 पी एम से 07:35 पी एम
अमृत काल 07:08 ए एम से 08:35 ए एम निशिता मुहूर्त 11:52 पी एम से 12:39 ए एम, सितम्बर 17
रवि योग 04:33 पी एम से 06:07 ए एम, सितम्बर 17
पूजा-विधि :
इस दिन अपने कामकाज में उपयोग में आने वाली मशीनों को साफ करें। फिर स्नान करके भगवान विष्णु के साथ विश्वकर्माजी की प्रतिमा की विधिवत पूजा करनी चाहिए। ऋतुफल, मिष्ठान्न, पंचमेवा, पंचामृत का भोग लगाएं। दीप-धूप आदि जलाकर दोनों देवताओं की आरती उतारें।
(इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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