विश्वकर्मा पूजा में जरूर शामिल करें ये चीजें, नोट कर लें संपूर्ण पूजा-सामग्री लिस्ट और महत्व
- Vishwakarma Pooja 2024 : हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है। इस दिन दुनिया के पहले शिल्पकार और वास्तुकार की पूजा-आराधना बेहद शुभ मानी जाती है।
Vishwakarma Pooja 2024 : हर साल विश्वकर्मा पूजा के दिन विश्वकर्मा भगवान की पूजा-आराधना की जाती है। इस दिन को विश्वकर्मा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 16 सितंबर 2024 को विश्वकर्मा जयंती है। 16 सितंबर को विश्वकर्मा जी को अस्त्र-शस्त्र से सजाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित वागीश्वरी प्रसाद के अनुसार, 17 सितंबर 2024 को विश्वकर्मा भगवान की पूजा की जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा भगवान का जन्म हुआ था। विश्वकर्मा जी को दुनिया का पहला शिल्पकार माना जाता है। उन्होंने सृष्टि के निर्माण में ब्रह्माजी की मदद की थी। विश्वकर्मा जयंती के शुभ मौके पर विश्वकर्मा जी के साथ अस्त्र-शस्त्र की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि इससे नौकरी-कारोबार में तरक्की मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, 16 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के दिन रवि योग व सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। विश्वकर्मा भगवान की पूजा में पूजन-सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए। आइए जानते हैं विश्वकर्मा पूजा की संपूर्ण पूजा सामग्री लिस्ट और महत्व ...
विश्वकर्मा पूजा सामग्री लिस्ट : विश्वकर्मा भगवान की पूजा के लिए रोली,मौली, अक्षत(साबूत चावल), सुपारी, पीला अश्वगंधा, हल्दी,मिट्टी का कलश, सुखा नारियल का गोला, जटा वाला नारियल,पीला वस्त्र,लाल वस्त्र जनेऊ,मिठाई, धूपबत्ती,रुई की बत्ती, कपूर, घी, हवन सामग्री, हवन कुंड, दही,फल,फूल, आम की लकड़ी, खीरा, लौंग, इलायची, लकड़ी की चौकी,नवग्रह,गंगाजल, बताशा,गुड़, पंचमेवा, तिल,जौ,पीली सरसों, शहद,इत्र समेत पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
क्यों खास है विश्वकर्मा पूजा ?
हिंदू धर्म में विश्वकर्मा भगवान को यंत्रों का देवता मनाना गया है। वह दुनिया के पहले इंजीनियर और वास्तुकार माने जाते हैं। इस दिन दुकानों और कारखानों में मशीन, औजार और वाहन की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि इससे कार्य में तरक्की मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी-देवताओं के के अस्त्र-शस्त्र और भवन निर्माण का कार्य विश्वकर्मा भगवान द्वारा किया जाता है। इसलिए हर साल बड़े धूमधाम से विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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