
Trayodashi shradh: कल त्रयोदशी तिथि पर बन रहे कई शुभ संयोग, जानें श्राद्ध करने के शुभ मुहूर्त
संक्षेप: Trayodashi shradh timing: हिंदू धर्म में त्रयोदशी तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई है। पितृ पक्ष की त्रयोदशी तिथि को त्रयोदशी श्राद्ध का विधान है। जानें श्राद्ध पक्ष की त्रयोदशी पर श्राद्ध करने के शुभ मुहूर्त।
Trayodashi Shradh 2025 Muhurat: हिंदू धर्म में त्रयोदशी तिथि का बहुत महत्व है। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 19 सितंबर, गुरुवार को है। इस बार श्राद्ध पक्ष की त्रयोदशी पर शुक्र प्रदोष व्रत व मासिक शिवरात्रि व्रत का संयोग बन रहा है। श्राद्ध पक्ष की त्रयोदशी पर बनने वाले शुभ संयोग दिन का महत्व बढ़ा रहे हैं। श्राद्ध पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान व श्राद्ध करने की परंपरा है। मान्यता है कि त्रयोदशी तिथि में श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। जानें त्रयोदशी श्राद्ध का शुभ मुहूर्त।

सिद्ध व साध्य योग का शुभ संयोग: त्रयोदशी तिथि पर सिद्ध व साध्य योग का शुभ संयोग बन रहा है। मान्यता है कि इन योग में किए गए कार्य सफल होते हैं।
त्रयोदशी तिथि पर किसका किया जाता है श्राद्ध: शास्त्रों के अनुसार, त्रयोदशी श्राद्ध पितृ पक्ष की त्रयोदशी को किया जाता है। इस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु त्रयोदशी तिथि को हुई हो। त्रयोदशी श्राद्ध को तेरस श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है।
त्रयोदशी श्राद्ध के मुहूर्त: हिंदू धर्म में श्राद्ध कर्म करने के लिए कुतुप, रौहिण व अपराह्न काल शुभ माना गया है। त्रयोदशी तिथि को कुतुप सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:39 बजे तक रहेगा। रौहिण मूहूर्त दोपहर 12:39 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक रहेगा। अपराह्न काल दोपहर 01:28 बजे से दोपहर 03:55 बजे तक रहेगा।
प्रदोष व्रत के लाभ: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत अत्यंत शुभ व कल्याणकारी माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव व माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
मासिक शिवरात्रि व्रत: मासिक शिवरात्रि व्रत में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विधान है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।





