
Surya grahan next : आज सूर्यग्रहण रात को लगेगा, भारत में नहीं दिखेगा, 2027 का सूर्य ग्रहण होगा खास, दिन में होगा अंधेरा
संक्षेप: Surya grahan aaj h kya: इक्कीस सितंबर पितृपक्ष की अमावस्या को दस वर्ष का आखिरी और दूसरा सूर्यग्रहण लगेगा। इस सूर्य ग्रहण का भारत में कोई महत्व नहीं है, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, ग्रहण जहां दिखता है, वहां इसका सूतक माना जाता है, यह ग्रहण भारत में नहीं है।
इक्कीस सितंबर पितृपक्ष की अमावस्या को दस वर्ष का आखिरी और दूसरा सूर्यग्रहण लगेगा। इस सूर्य ग्रहण का भारत में कोई महत्व नहीं है, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, ग्रहण जहां दिखता है, वहां इसका सूतक माना जाता है, यह ग्रहण भारत में नहीं है, इसलिए इसका सूतक नहीं है, इस ग्रहण का कोई धार्मिक प्रभाव भारत में नहीं होगा। भले ही यह ग्रहण भारत में ना दिख रहा हो, लेकिन साल 2027 में 2 अगस्त के दिन सूर्य ग्रहण लगेगा, जो बहुत खास होगा। इसके अलावा साल 2026 में भी दो ग्रहण लगेंगे।
अगला सूर्य ग्रहण कब लगेगा और 2027 का ग्रहण क्यो हैं खास
17 फरवरी 2026 को सूर्य ग्रहण लगेगा। यह 2 मिनट 20 सेकेंड तक दिखेगा। यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा। 17 फरवरी 2026 का ग्रहण अर्जेंटिना, चिली अफ्रीका, अंटार्कटिका में दिखेगा। इसके बाद साल 2026 में दूसरा सूर्यग्रहण 12 अगस्त के दिन लगेगा। यह भी भारत में नहीं दिखेगा। यह उत्तरी अमेरिका, पश्चमी अफ्रीका, यूरोप में दिखेगा। इसके बाद 2027 में दो ग्रहण लगेगें। एक 6 फरवरी को लगेगा। जो अमेरिका, अंटार्कटिका, अफ्रीका, में दिखेगा। इसके बाद 2 अगस्त 2027 को लगने वाला सूर्य ग्रहण बहुत खास होगा। यह ग्रहण अफ्रीका, यूरोप, मिडिल ईस्ट और एशिया में दिखेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। जिसमें धरती पर दिन में ही अंधेरा छा जाएगा।जब यह पीक पर होगा, तो सूर्य करब 6 मिनट 23 सेकेंड तक चंद्रमा इसे कवर कर लेगा। इसलिए इसे सेंचुरी का सबसे खास सूर्यग्रहण माना जा रहा है। वेबसाइट स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक 1991 से लेकर 2114 तक यह सबसे लंबे समय दिखने वाला सूर्य ग्रहण होगा।
21 सितंबर 2025 का सूर्य ग्रहण कब लगेगा, कहां दिखेगा
यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा। यह रात में 10.59 बजे शुरू होगा और अगले दिन सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण चार घंटे से अधिक समय रहेगा। सूर्य ग्रहण रात में होने के कारण भारत में नजर नही आएगा। इसीलिए इसके सूतक मान्य नहीं होंगे। यह भारत को छोड़ ऑस्ट्रेलिया,अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर में दिखेगा।
डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए वास्तुशास्त्र विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)





