Surya Grahan Sutak: 21 सितंबर को लगेगा सूर्य ग्रहण, इसका सूतक कहां होगा मान्य?
संक्षेप: पितृ पक्ष और सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर रात को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा। भारत में नहीं दिखने वाला सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लग रहा है। इस ग्रहण का सूतक भारत में मान्य नहीं होगा।

पितृ पक्ष और सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर रात को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा। भारत में नहीं दिखने वाला सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लग रहा है। इस ग्रहण का सूतक भारत में मान्य नहीं होगा। इसका सूतक काल भी नहीं लगेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में सीधे नहीं देखा जा सकेगा। 21 सितंबर को लग रहे साल के दूसरा सूर्य ग्रहण कुछ राशियों के लिए शुभ तो कुछ के लिए परेशानी देने वाला भी होगा। ग्रहण रविवार को रात 10 बजकर 39 मिनट पर लगेगा।
कहां लगेगा 21 सितंबर के सूर्यग्रहण का सूतक
यह सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, पश्चिमी अंटार्कटिका के आसपास के क्षेत्रों में दिखाई देगा। क्राइस्टचर्च, ऑस्ट्रेलिया में सिडनी और होबार्ट, न्यूजीलैंड में ऑकलैंड, वेलिंग्टन जैसे कुछ लोकप्रिय शहर हैं, जहां आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहण जिस जगह लगता है, वहां इसका सूतक माना जाता है, इसलिए जहां दिखेगा, वहां सूतक माना जाएगा। इसका सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाएगा। भारत में इसका सूतक नहीं लगेगा। इस ग्रहण का कोई धार्मिक नियम मान्य नहीं होगा। इसलिए नवरात्र और श्राद्ध कार्य बिना किसी चिंता के करें। ज्योतिर्विद पंडित दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण जहां दृश्य होते हैं। वहीं पर सूतक के नियम लागू होते हैं तथा धार्मिक दृष्टिकोण से उसका महत्व होता है परंतु जिन जगहों पर दृश्य नहीं होता वहां पर सूतक अथवा धर्म से संबंधित किसी कोई भी मान्यता लागू नहीं होती, फिर भी ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसका पर्याप्त महत्व होता है। इस कारण से सभी राशियों पर सभी लग्नों पर इसका प्रभाव अवश्य पड़ेगा। विश्व स्तर पर इस ग्रहण का प्रभाव जरुर पड़ेगा। अतः ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो संभलकर रहने की अत्यंत आवश्यकता होगी।
किस राशि पर पड़ेगा ग्रहण का प्रभाव
कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के संयोग में यह सूर्य ग्रहण लग रहा है। इसका प्रभाव मेष और कुंभ राशि पर पड़ सकता है। इसलिए इस राशि के लोगों को खास सावधानी बरतनी चाहिए।
डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए वास्तुशास्त्र विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)





