बृहस्पति देव की पूजा से होंगी सभी मनोकामनाएं पूरी, जानें पूजा विधि
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कई जगह देवगुरु बृहस्पति व केले के पेड़ की पूजा करने की भी मान्यता है। बृहस्पति बुद्धि के कारक माने जाते हैं। गुरुवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से...
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कई जगह देवगुरु बृहस्पति व केले के पेड़ की पूजा करने की भी मान्यता है। बृहस्पति बुद्धि के कारक माने जाते हैं। गुरुवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र व अन्य मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
ऐसे करें व्रत
यह व्रत अनुराधा नक्षत्रयुक्त गुरुवार से आरंभ कर लगातार 7 गुरुवार उपवास रखना चाहिए।
गुरुवार की पूजा विधि-विधान के अनुसार की जानी चाहिए। व्रत वाले दिन सुबह उठकर बृहस्पति देव का पूजन करना चाहिए।
बृहस्पति देव का पूजन पीली वस्तुएं, पीले फूल, चने की दाल, मुनक्का, पीली मिठाई, पीले चावल और हल्दी चढ़ाकर किया जाता है।
इस व्रत में केले के पेड़ की का पूजा की जाती है। कथा और पूजन के समय मन, कर्म और वचन से शुद्ध होकर मनोकामना पूर्ति के लिए बृहस्पतिदेव से प्रार्थना करनी चाहिए।
जल में हल्दी डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाएं। केले की जड़ में चने की दाल और मुनक्का चढ़ाएं साथ ही दीपक जलाकर पेड़ की आरती उतारें। दिन में एक समय ही भोजन करें।
खाने में चने की दाल या पीली चीजें खाएं, नमक न खाएं, पीले वस्त्र पहनें, पीले फलों का इस्तेमाल करें।
पूजन के बाद भगवान बृहस्पति की कथा सुननी चाहिए।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।