Vinayak Chaturthi Vrat 2019 : हर काम में आती है रुकावट तो बिगड़े काम बनाएंगे श्रीगणेश, इस विधि से पूजा करने पर होगी मनोकामनाएं पूरी
कहते हैं कि हर मंगल काम को शुरू करने से पहले श्रीगणेश का नाम लिया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। आपके अगर किसी भी कार्य में रुकावट आती है या जीवन में अशुभ घटनाएं हो रही हैं, तो आप...
कहते हैं कि हर मंगल काम को शुरू करने से पहले श्रीगणेश का नाम लिया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। आपके अगर किसी भी कार्य में रुकावट आती है या जीवन में अशुभ घटनाएं हो रही हैं, तो आप भगवान श्रीगणेश की स्तुति कर सकते हैं। 30 नवम्बर को विनायक चतुर्थी व्रत है, जिसे विधि-विधान के साथ करने पर मनोकामनाएं पूरी होती हैं-
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त-
30 नवम्बर (शनिवार) विनायक चतुर्थी 11:07 से 13:11
विनायक चतुर्थी पर पूजा विधि-
ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें।
इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
दोपहर पूजन के समय अपने सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें।
तत्पश्चात श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं।
‘ॐ गं गणपतयै नम:’ का जाप करें।
प्रतिमा पर 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। दूर्वा एक प्रकार की घास का नाम है। जो श्री गणेश को अत्ति प्रिय है।
श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं।
पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें।
शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा, श्रद्धानुसार गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण आदि का स्तवन करें।
श्री गणेश की आरती करें।
शाम के समय भोजन ग्रहण करें।