Vidur Niti: सदा दुखी रहते ये 6 प्रकार के व्यक्ति, पढ़ें विदुर के 5 उपदेश
भारतीय धर्म शास्त्रों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां आचार्य चाणक्य से पहले और भी कई महान विचारक व नीति निर्माता हुए हैं जिनमें से एक महाभारत में वर्णित विदुर भी हैं। विदुर धृतराष्ट्र के सौतेले भाई...
भारतीय धर्म शास्त्रों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां आचार्य चाणक्य से पहले और भी कई महान विचारक व नीति निर्माता हुए हैं जिनमें से एक महाभारत में वर्णित विदुर भी हैं। विदुर धृतराष्ट्र के सौतेले भाई थे और एक दासी पुत्र थे। वह महाराज धृतराष्ट्र के प्रमुख सलाहकार मंत्री भी थे। उन्होंने जीवन व राजकाज में सफल होने के लिए कई आदर्श नियम बताए हैं जिन्हें विदुर नीति के नाम से जानते हैं। विदुर ने यह भी बताया है कि किस प्रकार के लोग हमेशा दुखी रहते हैं और किस प्रकार के लोग सुखी रहते हैं। आगे जानिए उनके पांच उपदेश-
विदुर के पांच उपदेश:
1- ये 6 प्रकार के व्यक्ति सदा दुखी रहते हैं- ईर्ष्या करने वाला, दूसरों से घृणा करने वाला, असंतुष्ट, क्रोध करने वाला, शंकालु और पराश्रित व्यक्ति (दूसरों पर आश्रित रहने वाले)।
2- बुद्धिमान व्यक्ति के प्रति अपराध कर कोई दूर भी चला जाए तो चैन से न बैठे, क्योंकि बुद्धिमान व्यक्ति की बाहें लंबी होती है और समय आने पर वह अपना बदला लेता है।
3- संसार के 6 सुख प्रमुख हैं- धन प्राप्ति होना, हमेशा स्वस्थ रहना, आज्ञाकारी पुत्र, सुदर भार्या, प्रिय बोलने वाली भार्या और मनोरथ पूर्ण कराने वाली विद्या। अर्थात् इन 6 चीजों से संसार में सुख प्राप्त होता है।
4- वह ज्ञानी कहलाता है- जो अपना आदर-सम्मान होने पर खुशी से फूल नहीं उठता और अनादर होने पर क्रोधित नहीं होता तथा गंगा जी के कुण्ड के समान जिसका मन अशांत नहीं होता।
5- विदुर ने धृतराष्ट्र को समझाते हुए कहा- राजन! जैसे समुद्र के पार जाने के लिए नाव ही एकमात्र साधन है उसी प्रकार स्वर्ग के लिए सत्य ही एकमात्र सीढ़ी है, लेकिन आप इस बात को समझ नहीं रहे हैं।