Vat Savitri Vrat 2023: आज सुबह 04:06 बजे से शुरू हुआ पूजन का शुभ मुहूर्त, यहां देखें वट सावित्री व्रत के चौघड़िया मुहूर्त
Vat Savitri Vrat Kab Hai 2023: महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिणी भारतीय राज्यों में विवाहित महिलाएं उत्तर भारतीय महिलाओं की तुलना में 15 दिन बाद वट सावित्री व्रत रखती हैं। हालांकि व्रत रखने के पीछे की कथा
Vat Savitri Vrat 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस साल वट सावित्री व्रत 19 मई 2023, शुक्रवार को है। इस दिन सुहागिन महिलाएं वट यानी बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करने के बाद परिक्रमा करती हैं। वट सावित्री व्रत करने से व्रती महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वट सावित्री व्रत के दिन शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। शोभन योग शाम 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
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वट सावित्री व्रत 2023 शुभ मुहूर्त-
18 मई 2023 को अमावस्या तिथि प्रारंभ रात 09 बजकर 42 मिनट से और अमावस्या तिथि समाप्त 19 मई 2023 को रात 09 बजकर 22 मिनट पर।
वट सावित्री व्रत के दिन पूजन के चौघड़िया मुहूर्त-
चर - सामान्य: 05:28 ए एम से 07:11 ए एम
लाभ - उन्नति: 07:11 ए एम से 08:53 ए एम
अमृत - सर्वोत्तम: 08:53 ए एम से 10:35 ए एम
शुभ - उत्तम: 12:18 पी एम से 02:00 पी एम
वट सावित्री व्रत के दिन बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:06 ए एम से 04:47 ए एम।
प्रातः सन्ध्या- 04:26 ए एम से 05:28 ए एम।
अभिजित मुहूर्त- 11:50 ए एम से 12:45 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:34 पी एम से 03:29 पी एम।
गोधूलि मुहूर्त- 07:06 पी एम से 07:26 पी एम।
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वट सावित्री व्रत पूजा विधि-
वट सावित्री व्रत की पूजा के लिए एक बांस की टोकरी में सात तरह के अनाज रखे जाते हैं जिसे कपड़े के दो टुकड़ों से ढक दिया जाता है। एक दूसरी बांस की टोकरी में देवी सावित्री की प्रतिमा रखी जाती है। वट वृक्ष पर महिलायें जल चढ़ा कर कुमकुम, अक्षत चढ़ाती हैं। फिर सूत के धागे से वट वृक्ष को बांधकर उसके सात चक्कर लगाए जाते हैं और चने गुड़ का प्रसाद बांटा जाता है। इसके बाद महिलाएं कथा सुनती हैं।
वट सावित्री व्रत कथा-
किंवदंती के अनुसार, महान सावित्री ने मृत्यु के देवता भगवान यम को धोखा दिया और उन्हें अपने पति सत्यवान के जीवन को वापस करने के लिए मजबूर किया। इसलिए विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं।