Vat Savitri Vrat 2021: पहली बार रखने जा रही हैं वट सावित्री व्रत तो जान लीजिए पूजा विधि, नोट कर लें पूजा का समय
हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। इसे वट अमावस्या भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं...
हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। इसे वट अमावस्या भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना के लिए व्रत करती हैं। वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। उसके चारों ओर महिलाएं फेरी लगाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से पति को लंबी आयु मिलती है। ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष के नीचे बैठकर ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित कर लिया था।
वट सावित्री व्रत 2021 कब है?
इस साल वट सावित्री व्रत 10 जून 2021 को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की 7,11,21,51 या 101 आदि अपनी श्रद्धानुसार परिक्रमा लगाती हैं। बरगद के पेड़ में सात बार कच्चा सूत लपेटा जाता है।
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अमावस्या तिथि कब से कब तक-
09 जून को अमावस्या दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगी और 10 जून को शाम04 बजकर 20 मिनट तक अमावस्या रहेगी। व्रत पारण 11 जून को किया जाएगा।
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वट सावित्री व्रत पूजा विधि-
वट सावित्री व्रत की पूजा के लिए एक बांस की टोकरी में सात तरह के अनाज रखे जाते हैं जिसे कपड़े के दो टुकड़ों से ढक दिया जाता है। एक दूसरी बांस की टोकरी में देवी सावित्री की प्रतिमा रखी जाती है। वट वृक्ष पर महिलायें जल चढ़ा कर कुमकुम, अक्षत चढ़ाती हैं। फिर सूत के धागे से वट वृक्ष को बांधकर उसके सात चक्कर लगाए जाते हैं और चने गुड़ का प्रसाद बांटा जाता है। इसके बाद महिलाएं कथा सुनती हैं।