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वास्तुशास्त्र : जीवन की हर परेशानी को दूर कर देंगे ये आसान उपाय, धन, यश, सुख-समृद्धि की होगी प्राप्ति

इस दुनिया को हर चीज का संचालन ऊर्जा से होता है।जहां सकारात्मक ऊर्जा जीवन को बेहतर बनाती है वहीं नकारात्मक ऊर्जा का परिणाम जीवन के लिए अच्छा नहीं होता। ऐसे में जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के...

वास्तुशास्त्र : जीवन की हर परेशानी को दूर कर देंगे ये आसान उपाय, धन, यश, सुख-समृद्धि की होगी प्राप्ति
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्ली Sun, 23 Feb 2020 03:46 PM
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इस दुनिया को हर चीज का संचालन ऊर्जा से होता है।जहां सकारात्मक ऊर्जा जीवन को बेहतर बनाती है वहीं नकारात्मक ऊर्जा का परिणाम जीवन के लिए अच्छा नहीं होता। ऐसे में जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए वास्तुशास्त्र के कुछ उपाय करने चाहिए- 


-वास्तु शास्त्र के अनुसार, मेन गेट के ऊपर सिंदूर से स्वास्तिक चिन्ह बनाएं। यह चिन्ह नौ अंगुल लंबा और नौ अंगुल चौड़ा होना चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है, साथ ही रोग, शोक में कमी आती है।

-घर के सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर करने के लिए मेन गेट पर एक ओर केले का वृक्ष और दूसरी ओर तुलसी का पौधा गमले में लगा दें। ऐसा करने से घर में ना सिर्फ वास्तु दोष से मुक्ति मिल जाएगी बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा और घर के सदस्यों की तरक्की भी होगी।

-अगर प्लाट खरीद बहुत दिन हो गए हैं और उस पर मकान बनने में का योग नहीं बन पा रहा है तो उस प्लाट में अनार का पौधा पुष्य नक्षत्र में लगा दें। ऐसा करने से जल्द मकान बनने का योग बन जाएगा।

-बड़ा गोल आईना मकान की छत पर इस तरह लगाएं कि मकान की संपूर्ण छाया उसमें दिखाई देती रहे। ऐसा करने से आप वास्तु दोष का निवारण कर सकते हैं। वास्तु शास्त्र में आईने को उत्प्रेरक बताया गया है, जिसके द्वारा भवन में तरंगित ऊर्जा की सृष्टि सुखद अहसास कराती है।

-घर के मंदिर में घी का एक दीपक हर रोज जलाएं और शंख की ध्वनि तीन बार सुबह और शाम के समय करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकल जाती है और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


-शास्त्र के अनुसार, अपने घर के मंदिर में देवी-देवताओं पर चढ़ाए गए फूल हार दूसरे दिन हटा देने चाहिए और भगवान को नए फूल हार अर्पित करने चाहिए। तुलसी, बेल पत्र, नागरवेली पान, कमलगट्टा और अन्य फूल बाबत शास्त्रों में इन्हें जलाभिषेक के बाद उपयोग में लेने का विधान बताया है।

 

विशेष : यह लेख पाठकों की रूचि अनुसार लिखा गया है। वास्तुशास्त्र से जुड़ी इन बातों की सटीकता की पृष्टि हम नहीं करते।  

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