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धर्म, यज्ञ और तपस्या का सार है यह माह, अवश्य करें जल का दान 

वैशाख मास को सभी मास में उत्तम बताया गया है। विशाखा नक्षत्र से संबंध रखने के कारण इस माह को वैशाख कहा गया। इस मास के देवता भगवान मधुसूदन हैं। इस माह भगवान विष्णु, भगवान परशुराम और देवी मां की उपासना...

धर्म, यज्ञ और तपस्या का सार है यह माह, अवश्य करें जल का दान 
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,meerutThu, 29 Apr 2021 03:17 AM
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वैशाख मास को सभी मास में उत्तम बताया गया है। विशाखा नक्षत्र से संबंध रखने के कारण इस माह को वैशाख कहा गया। इस मास के देवता भगवान मधुसूदन हैं। इस माह भगवान विष्णु, भगवान परशुराम और देवी मां की उपासना की जाती है। यह माह धर्म, यज्ञ और तपस्या का सार माना जाता है। इस माह जलदान का विशेष महत्व है। इस माह गंगा सप्तमी, मोहिनी एकादशी, अक्षय तृतीया जैसे महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं। 

वैशाख माह में पवित्र नदियों में सूर्योदय से पहले स्नान कर भगवान श्री हरि विष्णु के नाम का स्मरण करने से अतुलनीय पुण्य प्राप्त होता है। इस माह प्रतिदिन सूर्यदेव को जल का अर्घ्य अर्पित करें। विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। इस माह पेड़-पौधों की सेवा करें। इस माह एक ही समय भोजन करें। पूर्वजों के नाम पर प्याऊ लगवाएं। पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें। इस माह भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की आराधना करें। कमल का पुष्प मां लक्ष्मी को अर्पित करें। इस माह तेल मालिश, दिन में सोना, दो बार भोजन करना, सूर्यास्त के बाद भोजन करना वर्जित माना गया है। इस माह अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है। श्री बद्रीनाथधाम के कपाट अक्षय तृतीया को ही खुलते हैं। इस माह शुक्ल पक्ष की नवमी को माता सीता धरती से प्रकट हुई। मान्यताओं के अनुसार त्रेतायुग का आरंभ भी वैशाख माह से हुआ। वैशाख शुक्ल पक्ष की द्वितीया को पुरी में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा आयोजित होती है। वैशाख पूर्णिमा को ब्रह्मा जी ने श्वेत तथा कृष्ण तिलों का निर्माण किया था। इस दिन दोनों प्रकार के तिलों से युक्त जल से स्नान करें, अग्नि में तिलों की आहुति दें। इस माह शुक्ल पक्ष एकादशी को मोहिनी एकादशी का व्रत किया जाता है। यह व्रत रखने वाला विष्णु लोक में स्थान प्राप्त करता है। वैशाख माह में तीर्थ में स्नान करने, पितरों को तर्पण करने का विशेष महत्व है। 

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

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