जीव-जंतुओं में प्राकृतिक आपदा या भावी घटनाओं का आभास पहले ही महसूस करने की क्षमता होती है। मनुष्य की अपेक्षा पक्षी एवं जीव-जंतुओं की इंद्रियां प्रकृति के प्रति कई गुना संवेदनशील होती हैं। भूकंप, बाढ़, वर्षा आदि को लेकर जीव जंतुओं में पूर्वाभास हो जाता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही तथ्यों के बारे में।
कौवों के कई तरह के आचरण शुभ और अशुभ का संकेत देते हैं। कौआ यदि किसी मनुष्य के कंधे पर बैठ जाए तो इसे धनहानि या मृत्यु का संकेत माना जाता है।यात्रा के समय अगर रास्ते में कौआ पानी पीता दिख जाए तो इसे शुभ माना जाता है। सूर्योदय के समय यदि कौआ आपके घर के सामने आवाज करता है तो धन में वृद्धि तथा मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि की सूचना देता है। अगर सुबह घर की मुंडेर पर कौआ बोले तो अतिथि के आगमन का संकेत देता है। गिरगिट को वर्षा का मापक यंत्र के तौर पर माना जाता है। गिरगिट का रंग गहरा होना वर्षा का संकेत देता है। उल्लू को मां लक्ष्मी का वाहन माना जाता है। कहा जाता है कि अगर उल्लू से आपकी नजरें टकरा जाएं तो आप मालामाल हो जाएंगे। मान्यता है कि अगर उल्लू किसी रोगी को छूते हुए निकल जाए या उसके ऊपर से उड़ता हुआ निकल जाए तो रोगी के रोग दूर हो जाते हैं। अगर उल्लू घर की छत पर आ बैठे या फिर आवाज करे तो माना जाता है कि यह मृत्यु का संकेत है। बछड़े को दूध पिलाती गाय दिख जाए तो यह शुभ संकेत है। हंस, सफेद घोड़ा, मोर, तोता, शंख दिख जाएं तो यह भी शुभ माना जाता है। कहीं जाते समय यदि कुत्ता सामने आकर भौंकने लगे तो अशुभ माना जाता है। यदि कुत्ता अचानक धरती पर लगातार अपने सिर को रगड़ता है तो उस जगह भूमि में धन की सूचना देता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।