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भोजन है प्रकृति का उपहार, कभी न करें इसका तिरस्कार

प्रकृति ने मनुष्य को भोजन के रूप में जीवन के लिए जरूरी सबसे बड़ा उपहार दिया है, लेकिन आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर इस आवश्यकता की ही अनदेखी कर देते हैं। वास्तु में भोजन बनाने और भोजन करने को...

भोजन है प्रकृति का उपहार, कभी न करें इसका तिरस्कार
लाइव हिन्दुस्तान टीम,meerutTue, 26 May 2020 03:21 AM
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प्रकृति ने मनुष्य को भोजन के रूप में जीवन के लिए जरूरी सबसे बड़ा उपहार दिया है, लेकिन आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर इस आवश्यकता की ही अनदेखी कर देते हैं। वास्तु में भोजन बनाने और भोजन करने को लेकर कुछ आसान से उपाय बताए गए हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में।

हमेशा भोजन करने से पहले अन्न देवता और अन्नपूर्णा माता को धन्यवाद दें। ध्यान रखें कि कभी भी भोजन का तिरस्कार न होने पाए। पूर्व दिशा की ओर मुख कर भोजन करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है, भगवान की कृपा भी प्राप्त होती है। मान्यता है कि पूर्व दिशा की ओर मुख कर भोजन करने से आयु बढ़ती है। सदैव भोजन करने से पहले हाथ, पैर और मुंह को धोएं। इसके पश्चात ही भोजन ग्रहण करें। जमीन पर बैठकर ही भोजन ग्रहण करें। बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें। ऐसा करने से घर में अशांति आती है। भोजन बनाते समय मन को शांत रखें और परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें। स्वस्थ जीवन जीने के लिए भोजन में सफेद खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें। भोजन में प्रयुक्त होने वाला नमक घर की नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करने में सहायक है। यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा का आभास हो रहा हो तो शीशे के बर्तन में नमक डालकर घर के किसी भी कोने में रख दें। इसके अलावा डली वाला नमक लाल रंग के कपड़े में बांधकर घर के मुख्य द्वार पर लटका देने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है। बच्चों के स्नान के पानी में जरा सा नमक डाल दें तो बच्चे सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण रहेंगे।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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