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Vaishakh Amavasya: कल है भौमवती अमावस्या, सूर्य चंद्रमा रहते हैं एक साथ, भरणी नक्षत्र में करें पितरों की पूजा

कल यानी 11 मई को वैशाख मास की अमावस्या है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक साथ एक ही राशि में होते हैं, जिससे भौमवती अमावस्या का संयोग बनता है। सूर्य और चंद्रमा के एक साथ होने से भरणी नक्षत्र बनता है जो...

Vaishakh Amavasya: कल है भौमवती अमावस्या, सूर्य चंद्रमा रहते हैं एक साथ, भरणी नक्षत्र में करें पितरों की पूजा
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 10 May 2021 11:42 AM
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कल यानी 11 मई को वैशाख मास की अमावस्या है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक साथ एक ही राशि में होते हैं, जिससे भौमवती अमावस्या का संयोग बनता है। सूर्य और चंद्रमा के एक साथ होने से भरणी नक्षत्र बनता है जो पितरों की पूजा के लिए बहुत अच्छा है।

इस दिन किए गए पितरों के श्राद्ध और पूजा से परिवार में समृद्धि आती है। इस दिन दान करने का पुण्य फल मिलता है। इस दिन घर में पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। इस अमावस्या पर गरीबों को भोजन, कपड़े आदि का दान करना सबसे ज्यादा फलदायक है।

Vaishakh Amavasya 2021: वैशाख अमावस्या कब है? जानिए इस दिन बनने वाले सौभाग्य व शोभन योग का महत्व

इस बार अमावस्या तिथि 10 मई को रात 10 बजे से ही शुरू हो रही है। अमावस्या 11 मई को दोपहर 2.50 मिनट तक रहेगी, इसलिए दान पुण्य और पितरों का श्राद्ध कर्म इस समय से पहले कर लेना चाहिए। इस दिन सौभाग्य व शोभन योग बन रहे हैं। इस दिन पीपल के पेड़ पर जाकर जल अर्पित करने और दीपदान का भी विशेष महत्व है। 

इनचीजों का करें दान
तांबे का बर्तन, लाल कपड़े, गेहूं, गुड़ या लाल चंद
मटके में पानी भरकर
भूखे को खाना खिलाना और प्यासे को पानी पिलाना बहुत शुभफलदायी होता है। 

 

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