Utpanna Ekadashi 2018: आज है उत्पन्ना एकादशी, इस दिन प्रगट हुईं थी एकादशी माता, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
आज है उत्पन्ना एकादशी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन एकादशी माता श्रीहरि के शरीर से इसी दिन प्रगट हुई थीं। इस दिन उपवास करने से मन निर्मल और शरीर स्वस्थ होता है। एकादशी का व्रत काफी कठोर माना जाता है...
आज है उत्पन्ना एकादशी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन एकादशी माता श्रीहरि के शरीर से इसी दिन प्रगट हुई थीं। इस दिन उपवास करने से मन निर्मल और शरीर स्वस्थ होता है। एकादशी का व्रत काफी कठोर माना जाता है कि क्योंकि व्रत के दौरान 24 घंटे तक कुछ भी खाया पिया नहीं जाता।
शास्त्रों के अनुसार अगर एकादशी का व्रत नहीं रखते हैं तो भी एकादशी के दिन चावल नहीं खाने चाहिए। कहा जाता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर पुण्य मिलता है। इस व्रत में व्रती को बुरे कर्म करने वाले, पापी, दुष्ट लोगों की संगत से बचना चाहिए। एकादशी व्रत में अन्न का सेवन करने से पुण्य का नाश होता है। एक समय फलाहार कर सकते हैं।
श्रीविष्णु के शरीर से उत्पन्न हुईं माता एकादशी, 3 दिसंबर को है वैतरणी एकादशी
एकादशी का व्रत समस्त प्राणियों के लिए अनिवार्य बताया गया है। इस व्रत का अनुष्ठान इसी तिथि से आरंभ करना उचित माना जाता है। हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। हर साल 24 एकादशियां आती है। लेकिन मलमास या अधिकमास को मिलाकर इनकी संख्या 26 भी हो जाती है। मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष के दिन उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है। इस साल वर्ष 2018 में उत्पन्ना एकादशी व्रत 3 दिसंबर को है।
इस दिन से आरंभ हुआ एकादशी व्रत, उपवास से निर्मल होता है मन
उत्पन्ना एकादशी तिथि व मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ 2 दिसंबर 2018- दोपहर 2 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त 3 दिसंबर 2018- 12:59 बजे
पारण का समय 4 दिसंबर 2018 को - सुबह 07.02 से 09.06 बजे तक
Utpanna Ekadashi 2018: जानें कब है उत्पन्ना एकादशी, क्या है इसका महत्व, पूजा विधि और मुहूर्त