ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News AstrologyThose who know real cause of problem do wonders

सक्‍सेस मंत्र : आलोचनाओं से डर कैसा, खुद पर विश्‍वास है तो सफलता जरूर मिलेगी

कई बार एक बेहद छोटी सी घटना एक बड़ी शुरुआत की वजह बन जाता है। इसलिए कहा जाता है कि सफल इनसान को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और अपने आलोचकों की बात ध्‍यान से सुननी चाहिए। यही गलती दुनिया की सबसे महान...

सक्‍सेस मंत्र : आलोचनाओं से डर कैसा, खुद पर विश्‍वास है तो सफलता जरूर मिलेगी
लाइव हिन्‍दुस्‍तान ,नई दिल्‍ली Thu, 20 Sep 2018 11:46 PM
ऐप पर पढ़ें

कई बार एक बेहद छोटी सी घटना एक बड़ी शुरुआत की वजह बन जाता है। इसलिए कहा जाता है कि सफल इनसान को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और अपने आलोचकों की बात ध्‍यान से सुननी चाहिए। यही गलती दुनिया की सबसे महान कारों में से एक फरारी के संस्थापक एनजो फरारी ने की थी। 

उन्‍होंने उस इनसान की बात को नजरअंदाज किया, जो उन्‍हें उनकी कारों की सबसे बड़ी कमी बताने के लिए आया था। खास बात यह है कि इस गलती का नतीजा यह हुआ कि उनके बिजनेस के सामने एक ऐसा टक्‍कर देने वाला खड़ा हो गया, जो हर मामले में उनके बराबर था। यह फरारी और लैम्‍बोरिनी की प्रतिस्‍पर्धा की कहानी है। 

इटली के एक गांव में एक किसान परिवार में जन्‍मे फेरुसियो लैम्‍बोरिनी ने दूसरे विश्‍व युद्ध में एयरफोर्स में अपना योगदान दिया। इसके बाद के समय में जब कृषि उत्‍पादों की मांग बढ़ी तो उन्‍होंने उस समय का फायदा उठाते हुए ट्रैक्‍टर का कारोबार शुरू किया। इस कारोबार से उन्‍हें पैसा और शोहरत सब कुछ मिला। 

उन्‍होंने फास्‍ट कारों अपना शौक पूरा करने के लिए फरारी कार खरीदी। फेरुसियो ने कार रेसिंग में भी हिस्‍सा लिया। इस दौरान मेकेनिक होने के अनुभव से उन्‍हें फरारी की कुछ खामियां समझ में आईं, जिन्‍हें वो बदल सकते थे। फेरुसियो के हिसाब से फरारी काफी शोर करती थी, सड़कों पर चलने के लिहाज से काफी रफ थी और उसका क्‍लच उनके ट्रैक्‍टर में इस्‍तेमाल होने वाले क्‍लच की तरह ही था। 

फेरुसियो ने एक दिन सोचा कि क्‍यों न इन खामियों के बारे में कार कंपनी के मालिक एनजो फरारी से बात की जाए। 1960 के दौर में फरारी लग्‍जरी स्‍पोर्ट्स कारों की दुनिया में एक सुपर पावर थी। एनजो को फेरुसियो से अपनी कारों के तकनीकी पक्ष के बारे में कुछ सुनना पसंद नहीं आया। कहा जाता है कि एनजो को फरारी की बात सुनकर गुस्‍सा आ गया और उन्‍होंने कहा, लैम्‍बोरिनी तुम सिर्फ एक ट्रैक्‍टर ही चला सकते हो, मगर फरारी चलाना तुम्‍हारे बस की बात नहीं है। 

इस घटना के 4 महीने बाद लैम्‍बोरिनी ने अक्‍तूबर 1963 में ट्यूरिन मोटर शो में 350 जीटीवी लैम्‍बोरिनी कार पेश की। 1964 का साल खत्‍म होते-होते लैम्‍बोरिनी पहली 13 कारों की बिक्री की चुका था। लैम्‍बोरिनी को इस बिक्री से कुछ खास मुनाफा नहीं हुआ क्‍योंकि फरारी को टक्‍कर देने के लिए उन्‍होंने अपनी कारों के दाम कम रखे थे। 

5 बातें जो यह घटना सिखाती है : 

  • फेरुसियो यह बात बहुत अच्‍छे से जानते थे कि फरारी में क्‍या समस्‍या है। उन्‍होंने इसकी जानकारी कार कंपनी को भी देने की कोशिश की, मगर कंपनी के मालिक ने फेरुसियो की बात पर ध्‍यान हीं नहीं दिया। 
  • फेरुसियो अपने क्षेत्र, मेकेनिक्स के अच्‍छे जानकार थे। यही लैम्‍बोरिनी जैसा ब्रांड खड़ा करने के पीछे यही आत्‍मविश्‍वास था। 
  • फरारी यकीनन अपने दौर की सबसे सफल कार थी। मगर उसके मालिक को अपनी सफलता का ऐसा नशा था कि उसने एक ट्रैक्‍टर कंपनी के मालिक के बेश्‍कीमती सुझाव को नजरअंदाज कर खुद अपने पैर पर कुल्‍हाड़ी मार ली। 
  • जब हम सफल हो जाते हैं तो हमारा रास्‍ता और भी मुश्‍किल हो जाता है क्‍योंकि हम पर हर किसी की नजर होती है। इसलिए खुद का लगातार आकलन करते रहने की जरूरत होती है। 
  • एनजो फरारी ने अपने आलोचक की कड़वी बात को अनसुना करने की भारी कीमत चुकायी। अगर उस दिन वह फेरुसियो की बात को गंभीरता से सुनकर अपनी कारों की जांच करा लेते, तो शायद दुनिया को लैम्‍बोरिनी कार कभी नहीं मिलती। 
हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें