परोपकार सिखाता है यह माह
भारतीय पंचांग के अनुसार वैशाख वर्ष का दूसरा माह है। यह पवित्र माह हमें परोपकार की भावना से जीना सिखाता है। इस माह जलदान का विशेष महत्व है। इस मास में धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नान करना शुभ माना...
भारतीय पंचांग के अनुसार वैशाख वर्ष का दूसरा माह है। यह पवित्र माह हमें परोपकार की भावना से जीना सिखाता है। इस माह जलदान का विशेष महत्व है। इस मास में धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नान करना शुभ माना जाता है।
वैशाख मास की पूर्णिमा विशाखा नक्षत्र में होने के कारण इस मास का नाम वैशाख पड़ा। मान्यता के अनुसार त्रेतायुग का आरंभ इस माह से हुआ। इस माह शुक्ल पक्ष को अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और ह्ययग्रीव का अवतार हुआ। इस माह शुक्ल पक्ष की नवमी को मां सीता धरती से प्रकट हुईं। बद्रीनाथधाम के कपाट भी वैशाख माह में अक्षय तृतीया को खुलते हैं। इस माह शुक्ल पक्ष द्वितीया को पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन होता है।
वैशाख में ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ। मान्यता है कि इस मास में ब्रह्मदेव ने तिलों का निर्माण किया था। अतः इस माह तिलों से युक्त जल से स्नान करना शुभ माना जाता है। वरूथिनी एकादशी और वैशाखी का त्योहार भी इसी माह मनाया जाता है। वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।