वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य एक राजसी ग्रह हैं, इसलिए कुंडली में सूर्य की स्थिति व्यक्ति की भौतिक प्रगति में बहुत ज्यादा महत्व रखती है। वैदिक ज्योतिष में इन्हें आत्मा, मान-सम्मान, राज-काज, उच्च पद, सरकारी सेवा, नेतृत्व की क्षमता आदि का कारक माना जाता है।
सूर्य, सिंह राशि के स्वामी हैं और यह तुला राशि में नीच के होते हैं। सूर्य के कमजोर होने से व्यक्ति का मनोबल या आत्मबल कमजोर होता है और पिता व कार्यक्षेत्र में अधिकारियों के साथ परेशानी रहती है। सरकारी कार्य में भी परेशानी होती है। कुंडली में यदि सूर्य कमजोर हों तो इसका व्यक्ति की सेहत पर भी असर होता है। ऐसे लोगों को आंख या अस्थियों संबंधी समस्या हो सकती है। जब उनकी कुंडली में सूर्य की दशा आती है, तब और परेशानियां बढ़ जाती हैं। व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है।
साथ ही आलस और थकान बने रहते हैं। सिर दर्द के अलावा शरीर में अकड़न-सी रहती है। ऐसे सूर्य ग्रह को मजबूत कर हम अपने आत्मबल और अपनी प्रगति को बढ़ा सकते हैं। सूर्य की बेहतरी के लिए ये उपाय किए जा सकते हैं-
’ घर की पूर्व दिशा को साफ-सुथरा और खुला रखें और घर में सूर्य की रोशनी आने दें, अन्यथा मान-सम्मान में कमी आ सकती है।
’ नियमित रूप से सूर्य भगवान को जल दें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। गायत्री मंत्र का जाप करने से भी सूर्य मजबूत होता है।
’ गाय को गेहूं और गुड़ मिलाकर खिलाने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
’ ब्राह्मण व गरीब व्यक्ति को गुड़ की खीर खिलाएं। सोना, तांबा और गेहूं का दान करें।
’ सुबह के समय सूर्य नमस्कार की 12 मुद्राएं करने से भी लाभ होता है।
’ नहाने के पानी में नारंगी रंग का फूल या थोड़ी-सी केसर डालकर स्नान करें।