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उत्तरायण में सूर्य : मकर संक्रांति को भूलकर भी न करें ये काम

14 जनवरी यानी रविवार को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आ रहे हैं। सूर्य इस परिवर्तन को संक्रांति काल कहा जाता है। चूंकि सूर्य के दिन ही कर्क रेखा से मकर राशि आते हैं इसलिए इस...

Alakhaलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 13 Jan 2018 07:14 PM

...तो इसलिए इस संक्रांति को मकर संक्रांति

...तो इसलिए इस संक्रांति को मकर संक्रांति1 / 3

14 जनवरी यानी रविवार को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आ रहे हैं। सूर्य इस परिवर्तन को संक्रांति काल कहा जाता है। चूंकि सूर्य के दिन ही कर्क रेखा से मकर राशि आते हैं इसलिए इस संक्रांति को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस समय किए गए दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। आज के दिन किए गए स्नान दान का फल कई गुना बढ़ जाता है। यह भी मान्यता है कि आज के ही दिन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने आते हैं और शुक्र का उदय होने से इस काल को शुभ कार्यों की शुरुआत का समय भी माना जाता है। आज से स्नान दान के साथ ही शुभ कार्य करने का समय शुरू हो जाता है। लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसे काम भी हैं जिनके संक्रांति के दिन नहीं करने चाहिए।

यह भी पढ़ें- मकर संक्रांति 2018: जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पर्व का महत्व

अगली स्लाइडों में पढ़ें- न करें ये काम

बिना कुछ खाए ही करें स्नान

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नहाने से पहले जूठा न करे मुह- कुछ लोगों की आदत होती है वह चाय पीने के बाद ही बिस्तर छोड़ते हैं, बिस्किट या कोई स्नैक्स खा लेते हैं। लेकिन मान्यता है कि संक्रांति के दिन बिना कुछ खाए पीए ही सुबह स्नान करें। पूजा करने और गरीब ब्राह्मणों को दान करने के बाद ही कुछ खाना चाहिए। 

तामसी भोजन से रहें दूर- मकर संक्रां‌ति के दिन लहसुन, प्याज, मांस और अंडा आदि ना खाएं। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

नशे के सेवन से बचें- मकर संक्रां‌ति के दिन किसी भी तरह के नशे के सेवन से बचना चाहिए। इस दिन आपको तिल, गुड़ और मूंग दाल की खिचड़ी व ऐसी‌ चीजों का सेवन व दान करना चाहिए।

किसी को ना लौटाएं खाली हाथ

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किसी को ना लौटाएं खाली हाथ- मकर संक्रांति के दिन कभी भी किसी भिखारी, साधु या बुजुर्ग या किसी अन्य याचक को घर से खाली हाथ ना जाने दें। आपसे जो कुछ हो सके उसके अनुसार ही उसे देकर विदा करें 

वाणी पर रखें संयम- मकर संक्रां‌ति के दिन भूलकर भी गुस्सा नहीं करना ‌चाहिए। इस दिन अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए और दूसरों से मधुर बोल ही बोलने चाहिए। वैसे तो ये आपके हर दिन की प्रैक्टिस होनी चाह‌िए कि आपकी बातों से किसी को ठेस ना पहुंचे  लेकिन संक्रांति के दिन तो इसका खास ख्याल रखना चाहिए।

पेड़ न काटें- मान्यता है कि इस दिन चाहे घर के अंदर हो या बाहर पेड़ों की कटाई या छंटाई नहीं करनी चाहिए। इसके लिए आप कोई भी और दिन चुन सकते हैं।