ऐसा दोष जिसमें लोग बचते हैं वैवाहिक बंधन से
कुंडली में मांगलिक दोष को बहुत सी चर्चाएं होती हैं। मांगलिक दोष को कुजा दोष भी कहते हैं। विवाह के विषय में बहुत ही गंभीर और अमंगलकारी मानी जाती है। मांगलिक दोष से पीड़ित लड़का हो या लड़की दोनों...
कुंडली में मांगलिक दोष को बहुत सी चर्चाएं होती हैं। मांगलिक दोष को कुजा दोष भी कहते हैं। विवाह के विषय में बहुत ही गंभीर और अमंगलकारी मानी जाती है। मांगलिक दोष से पीड़ित लड़का हो या लड़की दोनों की शादी को लेकर माता-पिता की परेशानी विशेष रूप से बढ़ जाती है। गृहस्थ जीवन में मांगलिक दोष बहुत सी कष्टदायी और दुखदायी माना गया है।
विवाह जीवन का बहुत बड़ा फैसला होता है जिसमें जरा सी चूक जीवन भर के लिए अभिशाप बन जाता है। विवाह की बात जब होती है तो वर-वधू पक्ष दोनों ही अपनी ओर से पूरी छानबीन करते हैं। कुण्डली मिलान के दौरान मांगलिक दोष का पता करते हैं। ज्योतिष शास्त्र वैवाहिक सम्बन्ध की इजाजत नहीं देता है क्योंकि इससे वैवाहिक जीवन में अशांति, कलह, टकराव और तनाव की स्थिति की आशंका बनी रहती है। पति-पत्नी के संबंधों में शत्रुता का भाव रहता है। मांगलिक दोष ऐसा दोष माना जाती है जो विवाह जैसे रिश्ते में प्रेम को पनपने का अवसर नहीं देती। इस दोष से पति-पत्नी में से किसी की मृत्यु होने की भी आशंका रहती है।
हालांकि वर-वधू दोनों की कुण्डली में मांगलिक दोष है तो यह दोष नहीं लगता । जब मंगल लग्न से चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें स्थान पर होता है तो कुंडली मांगलिक कहलाती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मांगलिक दोष दो प्रकार का होता है। एक पूर्ण मांगलिक जिसे समग्र मांगलिक कहते हैं और दूसरी चन्द्र मांगलिक। चन्द्र मांगलिक की पहचान कुण्डली में चन्द्र कुण्डली चक्र से किया जाता है। चन्द्र कुण्डली में जहां चन्द्रमा होता है वह लग्न माना जाता है और वहीं से प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव का विचार करके मांगलिक दोष का निर्घारण किया जाता है।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)
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