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सूर्य हुए उत्तरायण, खुले मोक्ष के द्वार 

सूर्यदेव को नवग्रह में सबसे प्रभावशाली माना जाता है। सूर्यदेव छह माह दक्षिणायन रहते हैं और छह माह उत्तरायण। सूर्य के उत्तरायण में होने को मोक्ष के द्वार खुलना माना जाता है। मान्यता है कि उत्तरायण के...

सूर्य हुए उत्तरायण, खुले मोक्ष के द्वार 
लाइव हिन्दुस्तान टीम  ,meerut Mon, 15 Jan 2018 08:19 AM
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सूर्यदेव को नवग्रह में सबसे प्रभावशाली माना जाता है। सूर्यदेव छह माह दक्षिणायन रहते हैं और छह माह उत्तरायण। सूर्य के उत्तरायण में होने को मोक्ष के द्वार खुलना माना जाता है। मान्यता है कि उत्तरायण के सूर्य के छह माह में देवताओं का एक दिन पूर्ण होता है और दक्षिणायन के सूर्य में उनकी एक रात पूरी होती है। जो लोग उत्तरायण के सूर्य में प्राण त्यागते हैं उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है और जो लोग दक्षिणायन के सूर्य में मृत्यु को प्राप्त होते हैं उन्हें पुनर्जन्म लेना होता है। 

सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए रविवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। रविवार के दिन गेहूं और गुड़ गाय को खिलाने या किसी ब्राह्मण को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। सूर्यदेव की आराधना का सर्वोत्तम समय सूर्योदय का है। रविवार को तेल, नमक नहीं खाना चाहिए। एक समय ही भोजन करना चाहिए। रविवार के दिन सूर्यदेव को आक का एक फूल अर्पित करने से पुण्य प्राप्त होता है। गुंजा, धतूरा, अपराजिता के फूल सूर्यदेव को कभी अर्पित नहीं करना चाहिए। 

सामाजिक प्रतिष्ठा में उन्नति के लिए सूर्य की अनुकूलता अनिवार्य मानी गई है। मान्यता है कि जिस जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ होता है वह उच्चपद प्राप्त करता है। उसकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। संक्रांति पर सूर्य को साक्षी रखकर दान किया जाता है। मान्यता है कि इस दान को कई जन्मों तक सूर्यदेव लौटाते रहते हैं। 

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैंजिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

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