सक्सेस मंत्र : आपकी सोच तो नहीं बन रही रास्ते की रुकावट, आगे बढ़ने में मदद करेंगे ये 3 टिप्स
हमारी सोच कई बार हमारे रास्ते की सबसे बड़ी रुकावट होती है। सोच हमें अच्छे मौकों को समझने से रोकती है, तो कई बार यह हमारे चुनाव को भी प्रभावित करती है। हमारी सोच ही होती है, जिसके कारण हम दूसरों को...
हमारी सोच कई बार हमारे रास्ते की सबसे बड़ी रुकावट होती है। सोच हमें अच्छे मौकों को समझने से रोकती है, तो कई बार यह हमारे चुनाव को भी प्रभावित करती है। हमारी सोच ही होती है, जिसके कारण हम दूसरों को किसी चीज के लिए ना नहीं बोल पाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा है, यहां बताई जा रही यह तीन बातें अपनी मुश्किल हल कर सकती हैं। आइए जानते हैं इन्हें
कई दफा बेहतरीन मौकों से हमारी मुलाकात उस समय होती है, जब हम सबसे मुश्किल हालात से गुजर रहे होते हैं। जो मुसीबत हमें तोड़ रही होती है, वही हमें उन बदलावों की ओर ले जाती है, जिनके लिए हम चाहकर भी हिम्मत नहीं जुटा पाते थे, अपने सुरक्षित दायरों को छोड़ने से डरते थे। प्रोफेसर बे्रनी ब्राउन कहती हैं, ‘कई बार मुश्किल भरे सबक ही जिंदगी की सबसे बड़ी ताकत बन जाते हैं।’
हमारे चुनाव, हमारे विचार और हमारी प्रतिक्रियाएं इस पर निर्भर करती हैं कि हम कितना जानते हैं। दिक्कत कम जानने से भी उतनी नहीं होती, जितनी उस कम को सब कुछ मान लेने से होती है। नतीजा, हम वहां तक नहीं पहुंच पाते, जहां पहुंच सकते थे। हीलर लुइस एल हे कहती हैं,‘अगर आप सीमित सोच रखते हैं तो वही सोच आपका सच बन जाती है।’
हरेक के लिए दूसरों को ‘ना’ कहना आसान नहीं होता। कितनी ही बार तो दूसरों के मतलबी रवैये पर गुस्सा आ रहा होता है। बावजूद, अपनी पसंद-नापसंद को परे कर हम मदद के लिए दौड़ पड़ते हैं। सर्टिफाइड कोच हेली मागी कहती हैं, ‘हां या ना कहने की एक सीमा होती है। यह सीमा हमारी अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी होती है। इसके लिए हमें अपनी जरूरत, इच्छा और मूल्यों को समझना पड़ता है।’