Success mantra : ups and downs in life increase the scope of your experiences सक्सेस मंत्र: जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव बढ़ाते हैं आपके अनुभवों का दायरा, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
Hindi Newsधर्म न्यूज़Success mantra : ups and downs in life increase the scope of your experiences

सक्सेस मंत्र: जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव बढ़ाते हैं आपके अनुभवों का दायरा

हर मनुष्य के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। लक्ष्य के बिना जीवन व्यर्थ होता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको ढेरों समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन ये समस्याएं और रुकावटें ही...

Pankaj Vijay हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीThu, 8 April 2021 10:55 PM
share Share
Follow Us on
सक्सेस मंत्र: जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव बढ़ाते हैं आपके अनुभवों का दायरा

हर मनुष्य के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। लक्ष्य के बिना जीवन व्यर्थ होता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको ढेरों समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन ये समस्याएं और रुकावटें ही आपको सिखाती हैं। 

एक जापानी कहावत है, दूसरे अगर सही काम कर सकते हैं, तो मैं भी कर सकता हूं और अगर दूसरे सही काम नहीं कर सकते, तो मुझे जरूर करना चाहिए। लेकिन हमारे यहां ऐसी सोच भी मिलती है कि अगर दूसरे सही कर सकते हैं, तो मैं क्यों करूं और अगर दूसरे सही नहीं कर सकते, तो मैं कैसे कर सकता हूं? ऐसी स्थिति तभी बनती है, जब हमारे उद्देश्य तय नहीं होते। एक बार जब जीवन के उद्देश्य तय हो जाएं, तब फिर आपको तय दिशा में आगे बढ़ना होता है। जापानी कहावत खुद-ब-खुद सोच का आधार बन जाती है। 

एक अमेरिकी लेखक हैं डेविड एपस्टीन। वह कहते हैं, अगर आपके पास कोई उद्देश्य न हो, तो जिंदगी एक सीधी रेखा-सी दिखती है। आपके जीवन में उतार-चढ़ाव जरूरी हैं। ये आपके अनुभवों का दायरा बढ़ाते हैं और आपके जीवन को परिपूर्ण करते हैं। एपस्टीन आगे कहते हैं, अगर आप अपने होने को एक उद्देश्य के आधार पर देखते हैं, तो कोई कारण नहीं कि आपके सामने मुश्किलें न आएं। क्योंकि आपने जो तय किया है, वही वातावरण ने तय कर रखा हो, यह संभव नहीं होता। हां, अपनी उपलब्धियों और खुशियों के प्रति हमें खुद को प्रोग्राम करते रहना चाहिए। खुद को प्रोग्राम करने का मतलब यह नहीं कि आपने अपना उद्देश्य ही बदल दिया, वह तो आधार में हमेशा रहता है। 

यहां विंस्टन चर्चिल की बात गौर करने लायक है। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में अपने देश का नेतृत्व किया था। मौके के मुताबिक उन्होंने अपने कई निर्णय बदले, पर उद्देश्य नहीं बदला। उनका कहना था, एक बार जो तय कर लो, तो वही करो, लेकिन इसके लिए जरूरी हो, तो अनंत क्रियाएं करो।
 
- नीरज कुमार तिवारी

जानें धर्म न्यूज़ , Rashifal, Panchang , Numerology से जुडी खबरें हिंदी में हिंदुस्तान पर| हिंदू कैलेंडर से जानें शुभ तिथियां और बनाएं हर दिन को खास!