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सक्सेस मंत्रः कई बार प्रोत्साहन मिलने से खुलता है सफलता का रास्ता

औसत काम करने वाले व्यक्ति को अगर प्रोत्साहित किया जाए तो वह भी काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। यह बात कई वैज्ञानिक अध्ययनों में भी साबित हो चुकी है। हमारे आसपास भी इसके कई उदाहरण देखने को मिल सकते हैं।...

सक्सेस मंत्रः कई बार प्रोत्साहन मिलने से खुलता है सफलता का रास्ता
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 22 May 2019 07:20 PM
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औसत काम करने वाले व्यक्ति को अगर प्रोत्साहित किया जाए तो वह भी काफी अच्छे परिणाम दे सकता है। यह बात कई वैज्ञानिक अध्ययनों में भी साबित हो चुकी है। हमारे आसपास भी इसके कई उदाहरण देखने को मिल सकते हैं। छोटे बच्चों को भी अगर छोटी-छोटी चीजों के लिए प्रोत्साहित किया जाए, तो वे दोगुने उत्साह से अगला काम करते हैं। यह बात खासतौर से उन लोगों को ध्यान रखनी चाहिए जो एक पूरी टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। सही समय पर किया गया प्रोत्साहन चमत्कारिक असर करता है। ऐसा ही कुछ हमारी आज की कहानी में भी बताया गया है।

19वीं सदी के मशहूर पेंटर दांते गेब्रियल रोजेटी के पास एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति पहुंचा। उसके पास कुछ स्केच और ड्रॉइंग्स थीं, जो वो रोजेटी को दिखाकर उनकी राय जानना चाहता था। रोजेटी ने ध्यान से उन ड्रॉइंग्स को देखा। वह जल्द ही समझ गए कि वे किसी काम की नहीं हैं और उसे बनाने वाले में न के बराबर आर्टिस्टिक टैलेंट है। वे उस व्यक्ति को दुखी नहीं करना चाहते थे, पर झूठ भी नहीं बोल सकते थे, इसलिए उन्होंने बड़ी सज्जनता से कह दिया कि इन ड्रॉइंग्स में कोई खास बात नहीं है। 

उनकी बात सुनकर व्यक्ति थोड़ा निराश हुआ, लेकिन शायद वो पहले से ही ऐसी उम्मीद कर रहा था। उसने रोजेटी से उनका समय लेने के लिए माफी मांगी और अनुरोध किया कि यदि संभव हो तो वे एक यंग आर्ट स्टूडेंट के द्वारा बनाई कुछ पुरानी पेंटिंग्स भी देख लें। रोजेटी तुरंत तैयार हो गए और एक पुरानी फाइल में लगी कृतियां देखने लगे। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'वाह ये पेंटिंग्स तो बड़ी अच्छी हैं। इस नौजावान में बहुत टैलेंट है। उसे हर तरह का प्रोत्साहन दीजिए, यदि वह इस काम में लगा रहता है और जी तोड़ मेहनत करता है तो कोई शक नहीं कि एक दिन वो महान पेंटर बनेगा।

रोजेटी की बात सुनकर उस व्यक्ति की आंखें भर आईं। 'कौन है यह नौजवान?’ रोजेटी ने पूछा, 'तुम्हारा बेटा?’ 'नहीं, यह मैं ही हूं। तीस साल पहले का मैं! काश उस समय किसी ने आपकी तरह प्रोत्साहित किया होता, तो आज मैं पछताने की जगह एक खुशहाल जिंदगी जी रहा होता।‘

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है

प्रशंसा या प्रोत्साहन एक ऐसी चीज है जो हमारे अंदर का सबसे अच्छा पहलू बाहर लेकर आती है और हमें और भी अच्छा करने के लिए मोटिवेट करती है। 

अगर आप एक टीम लीडर हैं, तो हमेशा टीम के सदस्यों के अच्छे काम की तारीफ करें और उन्हें उससे भी बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करें। ऐसे प्रोत्साहन का आपको हमेशा सकारात्मक परिणाम हासिल होगा।

अगर आप अच्छे कामों के लिए हमेशा टीम की प्रशंसा करेंगे तो वो और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इससे टीम के सदस्यों में नकारात्मकता नहीं आएगी और उनके परिणाम भी अच्छे आएंगे।

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