सक्सेस मंत्र: गुस्से पर काबू करना सीखें, इससे पैदा हुआ घाव जल्दी नहीं भरता
एक समय की बात है। एक छोटा लड़का था जिसे बहुत गुस्सा आता। जब लड़के को गुस्सा आता तो वह आसपास मौजूद चीजों को नष्ट करने में लग जाता। इससे उसके घरवाले काफी परेशान हो गए। एक दिन उसके पिता ने...
एक समय की बात है। एक छोटा लड़का था जिसे बहुत गुस्सा आता। जब लड़के को गुस्सा आता तो वह आसपास मौजूद चीजों को नष्ट करने में लग जाता। इससे उसके घरवाले काफी परेशान हो गए।
एक दिन उसके पिता ने लड़के को एक बैग दिया। उस बैग में कई कीलें थीं। उन्होंने बेटे से कहा कि जब भी तुम्हें गुस्सा आए तो एक कील पास के पेड़ पर ठोंक देना।
पहले दिन लड़के ने पेड़ पर 37 बार कीलें ठोंकीं। धीरे धीरे उसे गुस्सा कम आने लगा और कीलें कम ठोंकने लगा। उसे लगने लगा कि कीलें ठोंकने से ज्यादा आसान है कि गुस्से पर काबू पा लिया जाए।
आखिरकार, वह भी दिन आ गया जब लड़के ने अपना गुस्से पर काबू पा लिया और दिनभर एक बार भी गुस्सा नहीं आया। वह अपने पिता के पास गया और बताया कि उसने गुस्से पर काबू पाना सीख लिया है।
लड़के के पिता ने उसे उस पेड़ के पास लेकर गए जहां कीलें ठोंकी थीं। पिता ने अपने बेटे से कहा कि तुमने गुस्से पर काबू पाना सीख लिया, यह काफी अच्छी बात है लेकिन तुम पेड़ की तरफ देखों, कील ठोंकने की वजह से पेड़ में छेद हो गए हैं। क्या इन्हें फिर से सही कर सकते हो? पिता ने बेटे को समझाते हुए कहा कि जब भी एक जब भी गुस्से में हम लोग कुछ बोलते हैं तो उन दूसरों में उत्पन्न हुए घावों को भरने में काफी समय लगता है। इसलिए गुस्से पर काबू पाना सीखो।