ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News AstrologyStory here are best sucess tips for achieving anything you want in life

सक्सेस मंत्र: मैदान मे हारा व्यक्ति फिर से जीत सकता है लेकिन मन से हारा व्यक्ति कभी नहीं जीत सकता

एक गाँव में एक व्यापारी अपने परिवार सहित रहता था। उसके दो बेटे थे। व्यापार में बहुत हानि होने के कारण व्यापारी दिवालिया हो गया। परिवार के पास दो वक्त की रोटी खाने के पैसे भी नहीं थे। व्यापारी को अपने...

सक्सेस मंत्र: मैदान मे हारा व्यक्ति फिर से जीत सकता है लेकिन मन से हारा व्यक्ति कभी नहीं जीत सकता
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीWed, 25 Sep 2019 10:49 PM
ऐप पर पढ़ें

एक गाँव में एक व्यापारी अपने परिवार सहित रहता था। उसके दो बेटे थे। व्यापार में बहुत हानि होने के कारण व्यापारी दिवालिया हो गया। परिवार के पास दो वक्त की रोटी खाने के पैसे भी नहीं थे। व्यापारी को अपने तनाव को दूर करने के लिए और कुछ नहीं सूझा तो उसने शराब पीना आरम्भ कर दिया। वह दिन रात शराब के नशे में रहने लगा। शराब के नशे में वह अपने परिवार के सुख दुःख को भूल गया। बड़े बेटे को पिता के शराबी हो जाने पर बहुत दुःख हुआ। उसे परिवार के अन्य सदस्यों की चिंता सताने लगी। उसने अपने पिता के कारोबार का जाएज़ा लेना आरम्भ किया। उसे ज्ञात हुआ कि उसके पिता व्यापार संबंधी वस्तुएँ ख़रीदने के लिए एक अन्य गाँव में जाते रहते थे। यह गाँव बहुत दूर था। एक दिन बड़ा बेटा उस गाँव में चला गया और वहाँ जाकर उन लोगों से मिला जिनसे उसके पिता व्यापार का सामान ख़रीदते थे। उन लोगों ने बड़े बेटे को बताया कि उसके पिता जो माल ख़रीदते थे उसका भुगतान समय पर नहीं करते थे। इसी कारण गाँव वालों ने उसके पिता को माल बेचना बंद कर दिया था। भुगतान न करने के कारणों की समीक्षा करने पर बड़े बेटे को ज्ञात हुआ कि शहर के एक एजेंट ने उसके पिता को बहुत धोखा दिया था और उसके पिता के धन का गबन किया था। इसी कारण उसके पिता गाँव वालों का भुगतान समय पर नहीं कर पाए थे।

बड़े बेटे ने शहर जाकर उस एजेंट को पकड़ लिया। उसके पिता को धोखा देने के जुर्म में पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी। पुलिस का नाम सुनकर एजेंट घबरा गया और घबरा कर उसने सारा धन लौटा देने का वचन दिया। यह कार्य उसने अपने पिता और परिवार की बिगड़ती दशा को देखकर किया था।

बड़े बेटे ने जो किया सो किया आओ देखें छोटे बेटे ने क्या किया? उसने देखा कि उसके पिता शराब पी कर मस्त रहते हैं। उन्हें परिवार के किसी सदस्य की कोई चिंता नहीं थी। कोई मरता है तो मरे, कोई जीता है तो जिए। पिता को किसी से कुछ लेना देना नहीं था। परिवार की बुरी हालत देखकर कुछ दिनों तक तो वह चिंतित रहा लेकिन बाद में उसने भी शराब पीना शुरू कर दिया। शराब पीकर कभी वह गाली गलोच करने लगता और कभी पड़ोसियों से लड़ने लगता। इस आदत के कारण परिवार वालों को लोगों की भली बुरी सुननी पड़ती। पिता तो किसी तरह से अपनी शराब का इंतज़ाम कर लेता था लेकिन छोटा बेटा शराब के लिए चोरी भी करने लगा और एक दिन पुलिस ने पकड़ कर उसे जेल में डाल दिया।

दो भाई हैं। दोनों का लालन पालन एक समान एक ही परिवार में हुआ। दोनों एक साथ एक ही स्कूल में पढ़ने जाते थे। सुख दुःख में एक साथ रहते थे। दोनों को परिवार का एक समान प्यार मिला। लेकिन दोनों का व्यवहार एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न था। बड़ा भाई बहादुर और समझदार था। वह अपनी ज़िम्मेदारी समझता था। बड़े भाई का दृष्टिकोण सकारात्मक था और उसे विश्वास था कि समस्या का कोई न कोई समाधान अवश्य मिलेगा। मुसीबतों से छुटकारा पाने की उसमें प्रबल इच्छा थी। वह स्थितियों से घबराकर निराश नहीं हुआ। उसे स्वयं पर विश्वास था और आशा थी कि वह कठिन परिस्थितियों का न केवल सामना करेगा बल्कि उनसे छुटकारा भी पा लेगा। और ऐसा ही हुआ। उसके सकारात्मक दृष्टिकोण और विजयी होने की इच्छा के फलस्वरूप वह अपना लक्ष्य पाने में सफल रहा। इसके विपरीत छोटे भाई का दृष्टिकोण नकारात्मक था। कठिन परिस्थितियों में घिर जाने के पश्चात् वह बिल्कुल निराश हो गया था। अपने पिता की हालत देख कर उसे लगता था कि अब सुधार की कोई आशा नहीं बची।

सीख- जब व्यक्ति के मन में कोई आशा न रहे तो उसे निराशा घेर लेती है जिससे उसकी सोच कुण्ठित हो जाती है और वह व्यक्ति अवांछित कार्य करने लगता है। यही छोटे बेटे के साथ हुआ। आशा का दामन छोड़ने के बाद निराश होकर वह अपने पिता के नक्शे क़दम पर चल कर शराबी बन गया। बड़े बेटे ने न तो आशा का दामन छोड़ा और न ही वह परिस्थितियों से घबराकर निराश हुआ। अपने आत्म-विश्वास के कारण उसने विपरीत परिस्थितियों का डट के मुकाबला किया और अपने प्रयासों से सफलता प्राप्त की।

साभार: हिन्दी मोटिवेशन डॉट कॉम

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें