मन की शुद्धता के लिए इस दिन रखें मौन
सोमवार को आने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या कहलाती है। यह वर्ष में एक या दो बार ही आती है। सोमवार को भगवान शिव का दिन कहा गया है, अत: सोमवती अमावस्या को भगवान शिव एवं हनुमान जी की पूजा करने से जीवन...
सोमवार को आने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या कहलाती है। यह वर्ष में एक या दो बार ही आती है। सोमवार को भगवान शिव का दिन कहा गया है, अत: सोमवती अमावस्या को भगवान शिव एवं हनुमान जी की पूजा करने से जीवन की बड़ी से बड़ी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। शनिदेव की भी पूजा करनी चाहिए।
विवाहित स्त्रियों द्वारा इस दिन पति और संतान की दीर्घायु के लिए व्रत का विधान है। इस दिन मौन रखते हैं, इस कारण इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल प्राप्त होता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखकर जाप करने से मन की शुद्धि होती है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से मनुष्य समृद्धि, स्वास्थ्य को प्राप्त करता है। सभी दुखों से मुक्त होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। मौनी अमावस्या पर दान का भी विशेष महत्व है। सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता दूर होती है। इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। अमावस्या को सूर्य तथा चंद्र एक सीध में स्थित रहते हैं, इसलिए यह पर्व विशेष पुण्य देने वाला होता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।