Solar Eclipse 2020: सूर्य ग्रहण से पहले शुरू हुआ सूतक काल, बंद हुए मंदिरों के कपाट
सूर्य ग्रहण के सूतक काल में आज रात नौ बजे के बाद ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। इसके बाद मंत्रोच्चार के साथ रविवार को ग्रहण की समाप्ति पर विधि-विधान से मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे। उसके बाद...
सूर्य ग्रहण के सूतक काल में आज रात नौ बजे के बाद ही मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। इसके बाद मंत्रोच्चार के साथ रविवार को ग्रहण की समाप्ति पर विधि-विधान से मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे। उसके बाद भगवान के दर्शन किए जाएंगे। सूतक काल लगने से पहले पानी, दूध और खाने की चीजों में तुलसी दल या कुश डाल लें।
कहा जाता है कि खाने पीने की चीजों में तुलसी या कुश डालने से ये चीजें दूषित नहीं होती हैं। इस दौरान देश के बड़े मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। कहा जाता है कि मंदिर बंद कर भगवान की मूर्ति को कपड़े से ढ़क दिया जाता है। मंदिर में तुलसी दल भी रखें जाते हैं। इसके बाद पूरे दिन ग्रहण की समाप्ति तक मंदिर के पट बंद रहते हैं। ग्रहण की समाप्ति पर मंदिर की साफ सफाई के बाद पूरे विधि-विधान से मंदिर के पट खोले जाते हैं।
दिल्ली Sutaktime रात 10 बजकर 20 मिनट
मुंबई Sutaktime रात 10 बजकर 43 सेकंड
चेन्नई Sutaktime रात 10 बजकर 22 मिनट
लखनऊ Sutaktime रात 10 बजकर 26 मिनट
कानपुर Sutaktime रात 10 बजकर 24 मिनट
कुरुक्षेत्र Sutaktime रात 10 बजकर 21 मिनट
देहरादून Sutaktime रात 10 बजकर 24 मिनट
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का प्रभाव नकारात्मक होता है। ऐसे में मंदिरों को सबसे पवित्र स्थान माना गया है इसलिए मंदिरों को काली शक्तियों और नकारात्मकताओं से बचाने के लिए मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
सूर्य ग्रहण प्रात: 9:26 बजे से अपराह्न 3:28 तक रहेगा। 21 जून को दिन में अन्धेरा हो जाएगा, वहीं देशभर में कई जगह तारे भी दिखाई देंगे। 21 जून को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल 20 जून को रात सूतक काल लगेगा। यह सूतक काल 21 जून को ग्रहण की समाप्ति पर खत्म होगा। सूतक काल में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मंदिरों के कपाट बंद कर दें। घर में भी मंदिर को कपड़े से कवर कर देना चाहिए। इस दौरान कोई पूजा पाठ नहीं किया जाता है।