कमजोर शुक्र जीवन में लेकर आता है ये परेशानियां, जान लें उपाय
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को नवग्रहों में महत्वपूर्ण माना गया है। शुक्र को सुख-सुविधाओं का कारक माना जाता है। कहा जाता है कि जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिति उच्च की होने पर जातक को किसी भी...
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ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को नवग्रहों में महत्वपूर्ण माना गया है। शुक्र को सुख-सुविधाओं का कारक माना जाता है। कहा जाता है कि जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिति उच्च की होने पर जातक को किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहती है। जन्म कुंडली में शुक्र के कमजोर या नीच भाव में होने पर जातक को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वर्तमान समय में शुक्र कर्क राशि में मंगल के साथ युति बनाकर गोचर कर रहे हैं। आषाढ़ मास में 17 जुलाई को शुक्र का गोचर होगा। शुक्र इस दिन कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र एक राशि में करीब 23 दिन तक रहते हैं। इसके बाद दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। जानिए शुक्र का वैवाहिक जीवन पर प्रभाव-
लव लाइफ में आते हैं उतार-चढ़ाव:
जन्म कुंडली में शुक्र के कमजोर स्थिति में होने पर जातक को लव लाइफ में सफलता हासिल नहीं होती है। इस दौरान प्रेम का अभाव देखा जाता है। शुक्र पर किसी क्रूर ग्रह की दृष्टि होना बेहद खतरनाक योग बनाता है। शुक्र से संबंधित राशि वालों को इस दौरान सर्तक रहना चाहिए।
वैवाहिक जीवन में मुश्किलें-
शुक्र के अशुभ स्थान पर होने पर वैवाहिक जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान व्यक्ति के सुखों में भी कमी आती है। शुक्र इस दौरान जातक के दांपत्य सुख पर भी असर डालते हैं।
शुक्र के उपाय-
1. शुक्र को मजबूत बनाने के लिए शुक्रवार के दिन नमक के सेवन से बचना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से रिश्तों में प्रेम और सुख-सुविधाओं में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
2. महिलाओं का सम्मान करने से शुक्रदेव जातक को शुभ फल देते हैं। इसके साथ ही मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है।
3. पूजा के दौरान ''ओम द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:'' मंत्र का जाप करने से लाभ मिलता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।