shardiya navratri puja vidhi dates kalash sthapna ka time shubh muhurat Shardiya Navratri : 15 से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र, नोट कर लें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और 9 दिन की पूजा- विधि, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
Hindi Newsधर्म न्यूज़shardiya navratri puja vidhi dates kalash sthapna ka time shubh muhurat

Shardiya Navratri : 15 से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र, नोट कर लें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और 9 दिन की पूजा- विधि

Navratri 2023 : नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं। नवरात्रि के दौरान विधि- विधान से मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 15 Oct 2023 05:55 AM
share Share
Follow Us on
Shardiya Navratri : 15 से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र, नोट कर लें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और 9 दिन की पूजा- विधि

शक्ति की देवी की आराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र तीन दिनों बाद 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। मां दुर्गे की आराधना के लिए श्रद्धालु रविवार की सुबह कलश स्थापना कर सप्तशती पाठ शुरू करेंगे। 15 अक्टूबर की सुबह कलश स्थापना होगी। देवी का आगमन हाथी पर हो रहा है। 22 अक्टूबर को महाष्टमी व्रत है। इस बार 23 अक्टूबर को पूरे दिन हवन का समय है। 24 अक्टूबर की सुबह कलश का विसर्जन होगा। माता देवी मुर्गा पर प्रस्थान कर जाएंगी। इसी दिन नवरात्र का पारण, विजयदशमी, जयंती ग्रहण मनाया जाएगा।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। कुल अवधि 46 मिनट की है।

नवरात्रि का पूरा कैलेंडर- 

(पहला दिन) - 15 अक्टूबर-  मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है
(दूसरा दिन) -16 अक्टूबर -मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है
(तीसरा दिन) -17 अक्टूबर - मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है

(चौथा दिन)-18 अक्टूबर -मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है

(पांचवा दिन)-19 अक्टूबर- मां स्कंदमाता की पूजा
(छठां दिन)- 20 अक्टूबर- मां कात्यायनी की पूजा
(सातवां दिन) -21 अक्टूबर- मां कालरात्रि की पूजा
(आठवां दिन) -22 अक्टूबर- मां महागौरी पूजा
(नौंवा दिन) -23 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री की पूजा

9 दिन की पूजा- विधि :

  • सुबह उठकर जल्दी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
  • मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
  • धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
  • मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।