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Shardiya Navratri 2021: गुफा में विराजमान मां की प्रतिमा भक्तों को करती है आकर्षित

बिहार के बेली रोड खाजपुरा शिव मंदिर का पूजा पंडाल शहर के सबसे चर्चित पंडालों में से एक रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस पंडाल में पूजा-अर्चना करने आते हैं। कोरोना के कारण दो सालों से इस...

Shardiya Navratri 2021: गुफा में विराजमान मां की प्रतिमा भक्तों को करती है आकर्षित
कार्यालय संवाददाता,पटनाMon, 27 Sep 2021 08:08 AM

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बिहार के बेली रोड खाजपुरा शिव मंदिर का पूजा पंडाल शहर के सबसे चर्चित पंडालों में से एक रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस पंडाल में पूजा-अर्चना करने आते हैं। कोरोना के कारण दो सालों से इस पंडाल को भव्य रूप नहीं दिया जा सका है। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खाजपुरा का पंडाल इस बार पहले से छोटा बनेगा। पंडाल को मंदिर का रूप दिया जाएगा। 29 सितम्बर से इसका निर्माण कार्य शुरू होगा। बंगाल के कलाकार पंडाल बनाएंगे। मां की मूर्ति इस बार पंडाल में नहीं बनेगी। दीघा से मूर्ति लाई जाएगी। मां की पांच मूर्तियां पांच से सात फीट की होगी। पंडाल का निर्माण बंगाल के कलाकार रहमान की टीम करेगी। इसमें 30 कलाकार हैं। कोरोना के पहले बंगाल की तर्ज पर पंडाल और मां की भव्य प्रतिमा बना करती थी।

आशियाना मोड़ से जगदेव पथ का पंडाल : आशियाना मोड़ से जगदेव पथ तक पंडाल बनेंगे। ये 40 फीट चौड़ा और 30 फीट लंबा पंडाल होंगे। लाइटिंग की व्यवस्था के साथ बेहतरीन सजावट होगी। पंडाल राजा बाजार से लेकर जगदेवपथ तक बनते हैं, जो 80 फीट लंबे और 100 फीट चौड़े होते थे। 20 लाख रुपये की लागत से पंडाल और मूर्ति का निर्माण होता था। 14 फीट ऊंची मां की प्रतिमा बनती थी। इस ऐसा नहीं हो रहा है।

खिचड़ी, हलवा, खीर का मिलेगा प्रसाद : खाजपुरा शिवमंदिर पंडाल में श्रद्धालुओं को खिचड़ी, हलवा और खीर का प्रसाद मिलेगा। सप्तमी, अष्टमी, नवमी को प्रसाद बंटेगा।

निर्माण कार्य तेज

पंडाल का निर्माण कार्य तेज हो गया है। कोरोना को लेकर पिछले दो साल की तुलना में इस बार कम पंडाल बन रहे हैं। लेकिन जहां बन रहे हैं, वहां पूजा समितियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। कई पंडालों में इस बार मूर्ति का निर्माण नहीं हो रहा है। समितियां खरीदकर मूर्ति बिठाने की कोशिश में हैं।

1932 से बन रहा पंडाल

श्रीश्री दुर्गापूजा महोत्सव खाजपुरा शिव मंदिर के महासचिव पुनील कुमार ने कहा कि खाजपुरा शिव मंदिर का पूजा पंडाल 1932 से बन रहा है। यहां पूजा शिव मंदिर के निर्माण के समय से हो रही है। शहर में यह पूजा पंडाल प्रसिद्ध है। पूरे शहर के श्रद्धालु यहां आते और मां की पूजा अर्चना करते हैं। यहां काफी भीड़ होती है।

थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा

पंडाल में प्रवेश करने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग होगी। सेनेटाइजर के साथ मास्क अनिवार्य होगा। दोनों वैक्सीन लेने वाले श्रद्धालु पंडाल में जा सकते हैं। इसका पूरी तरह पालन किया जाएगा। कोरोना गाइडलाइन के तहत एहतियात बरता जाएगा।

ये हैं मुख्य भूमिका में- पूजा पंडाल निर्माण के मुख्य भूमिका में श्रीश्री दुर्गापूजा महोत्सव खाजपुरा शिव मंदिर के अध्यक्ष सुधीर कुमार, सचिव श्रवण कुमार, कोषाध्यक्ष टीपू सिंह हैं। इनके नेतृत्व में हर साल पंडाल का निर्माण व पूजा होती है।

कोई आयोजन नहीं
पूजा पंडाल में पूजा अर्चना के अलावा अन्य कोई आयोजन नहीं होगा। कोरोना को लेकर व्यवस्था बदल गई है। कोरोना के पहले भव्य आयोजन हुआ करता था। कार्टून से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम होता था। पूरी रात श्रद्धालु इसके संग झूमते-गाते थे। लेकिन इसबार भी यहसब नहीं हो पाएगा।

तीन दिनों तक भीड़
खाजपुरा शिव मंदिर स्थित पूजा पंडाल में सप्तमी, अष्टमी और नवमी को राजधानी के हर हिस्से से श्रद्धालु मां का आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ते हैं। यहां ग्रामीण क्षेत्र से भी लोगों का आना होता है। प्रसाद ग्रहण के लिए भी लोगों की भीड़ लगती है। शाम आठ बजे प्रसाद बंटता है।

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