Sharad Purnima 2020: मलमास के कारण एक माह में दो पूर्णिमा का योग, इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद चन्द्रमा की किरणें
आश्विन मास शुक्ल पक्ष की शरद पूर्णिमा 30 अक्तूबर यानी शुक्रवार को है। स्नान-दान व पूजन की पूर्णिमा का मान 31 अक्तूबर को रहेगा। 16 कलाओं से युक्त शरद पूर्णिमा बहुत विशिष्ट है। क्योंकि एक माह में यह...
आश्विन मास शुक्ल पक्ष की शरद पूर्णिमा 30 अक्तूबर यानी शुक्रवार को है। स्नान-दान व पूजन की पूर्णिमा का मान 31 अक्तूबर को रहेगा। 16 कलाओं से युक्त शरद पूर्णिमा बहुत विशिष्ट है। क्योंकि एक माह में यह दूसरी पूर्णिमा है। पहली पूर्णिमा एक अक्तूबर को थी। यह संयोग मलमास के कारण बना है। शरद पूर्णिमा धर्म, अध्यात्म और आयुर्वेद की दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चन्द्रमा की किरणें हमारे शरीर और वातावरण के लिए अमृत लाभदायक है।
स्नान-दान, पूजन की पूर्णिमा 31 को
स्नान-दान और पूजन की पूर्णिमा का मान 31 को है। ज्योतिषाचार्य अवध नारायण द्विवेदी के अनुसार पूर्णिमा तिथि 30 अक्तूबर को शाम 5:04 बजे शुरू हो जाएगी। इसका मान 31 अक्तूबर को शाम 7:30 बजे तक रहेगा। शरद पूर्णिमा से देव दीपावली के निमित्त दीपदान शुरू हो जाएगा।
इम्यूनिटी बढ़ाती हैं शरद पूर्णिमा की रात
आचार्य अमित बहोरे के अनुसार शरद पूर्णिमा पर चन्द्रमा की किरणें औषधीय गुणों से युक्त अमृत के समान होती हैं। इसलिए खुले आसमान में खीर रखी जाती है। भोर में इसका सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता व इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
ब्लू मून सी की रहेगी दिव्य चमक
जवाहर तरामण्डल के निदेशक डॉ. रवि किरण के अनुसार एक माह में जब दो पूर्णिमा का योग बनता है तो उसे ब्लू मून कहते हैं। चन्द्रमा की किरणें अधिक चमकीली होती हैं।