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शरद पूर्णिमा 2019: आज सोलह कलाओं से पूर्ण दिखेगा चंद्रमा, पढ़ें पौराणिक महत्व

अश्विन मास पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा का चंद्रमा आज शाम कुछ ही देर बाद में दिखाई देगा। शरद पूर्णिमा को कुछ जगहों पर इसे कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। वैसे तो हर पूर्णिमा को और महीने में एक...

शरद पूर्णिमा 2019: आज सोलह कलाओं से पूर्ण दिखेगा चंद्रमा, पढ़ें पौराणिक महत्व
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 13 Oct 2019 07:15 PM
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अश्विन मास पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा का चंद्रमा आज शाम कुछ ही देर बाद में दिखाई देगा। शरद पूर्णिमा को कुछ जगहों पर इसे कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। वैसे तो हर पूर्णिमा को और महीने में एक बार चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ नजर आता है लेकिन आज की रात यानी शरद पूर्णिमा को इसका दीदार करने को कुछ खास ही महत्व है।

इस बारे में प्रसिद्ध लेखक कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर ने इस बारे में लिखा है कि इन दिन का चंद्रमा खास होता है। इसी दिन पूर्ण पुरुष भगवान कृष्ण ने महारास के लिए चुना था। इसी दिन मां लक्ष्मी अपना वैभव लुटाती हैं। यह आनंद और वैभव प्राप्ति का दिन है।

शदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, पौराणिक बातों को मानने वाले लोग आज रात में अपने घर की छतों, आंगन पर चांद की रोशनी में खीर रखेंगे और और शीतलता बरसा रहे चांद का दीदार करेंगे। इस दिन लोग लक्ष्मी पूजा भी करते हैं।

शदर पूर्णिमा के च्रंदमा का महत्व :
माना जाता है कि  शरद पूर्णिमा की रात में चांद धरती के सबसे करीब होता है। शरद पूर्णिमा को चांद 16 कलाओं से संपन्न होकर अमृत वर्षा करता है। यह स्वास्थ्य के लिए अक्षय फलदायी होता है। आज की रात चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर अगले दिन सुबह खाने से निरोग का वरदान प्राप्त होता है। साथ मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर वैभव प्रदान करती हैं।

लक्ष्मी पूजन से समृद्धि : आचार्य सुधानंद झा ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर विधि विधान से लक्ष्मीनारायण का पूजन करें। लक्ष्मी पूजन और रात्रि जागरण से व्रती को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

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